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‘मुझे अब पापा कौन कहेगा?’ रुला देगी धमाके में पत्नी-3 बेटियों समेत 103 रिश्तेदार खोने वाले शख्स की कहानी

Israel Hamas War Survivor Emotional Story: एक धमाके में अपनी मां-भाई, पत्नी और चारों बेटियों को खोने वाले शख्स की दर्दभरी कहानी सुनकर आंखों में आंसू आ जाएंगे। शख्स ने बताया कि कैसे उसके परिवार ने किसी और की दुश्मनी की कीमत चुकाई? वह इतना बदकिस्मत है कि उसे परिजनों के शव भी नहीं मिले। वह उन्हें आखिरी बार देख तक नहीं पाया।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 27, 2024 14:13
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Israel Hamas War Survivor Ahmad-AL-Gufari
बम धमाके में पत्नी और 3 बेटियों को खोने वाले अहमद-अल-गुफरी

Israel Hamas War Survivor Father Emotional Story: अब मुझे पापा-पापा कहकर कौन पुकारेगा? डार्लिंग कहकर प्यार से आवाज कौन लगाएगा? एक पल में मेरे अपने मुझे छोड़कर चले गए, दुश्मनी किसी की और कीमत चुकानी पड़ी मेरी पत्नी और 3 बेटियों को, रिश्तेदारों को, आखिर उन्होंने क्या बिगाड़ा था किसी का? कैसे सहूं इस दर्द को, क्यों मुझे जिंदा छोड़ दिया दर्द बर्दाश्त करने के लिए…यह कहते हुए अहमद अल-गुफ़री फूट-फूट कर रोने लगते हैं। यह कहानी है उस शख्स की, जिसने इजराइल द्वारा गाजा पट्टी में की गई बमबारी में अपनी पत्नी और 3 बेटियों को खो दिया।

 

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8 अक्टूबर को हुए हमले में मारे गए सभी

अहमद ने BBC को बताया कि वे गाजा शहर से 80 किलोमीटर दूर तेल अवीव में थे, जब हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया। इसके बाद छिड़े युद्ध के कारण वे वेस्ट बैंक में फंस गए। उन्होंने पत्नी और बेटियों के पास पहुंचने की काफी कोशिश की, लेकिन पहुंच नहीं पाए। उन्होंने चारों को चाचा के घर भेज दिया। तब तक वे हर रोज पत्नी शिरीन और तीनों बेटियों से फोन पर बात करते थे। 8 दिसंबर को भी कॉल किया। शिरीन ने कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया हो तो माफ करना देना, लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी। शाम को बमबारी हुई और चाचा समेत शिरीन, तीनों बेटियों ताला, लाना और नजला की मौत हो गई।

 

पिछले हफ्ते 2 साल की हो जाती छोटी बेटी

अहमद ने बताया कि बमबारी में उसकी मां, चारों भाई, उनके परिवार, चाचा-चाची और चचेरे भाई-बहन सब मारे गए। किसी का भी शव नहीं मिला। भगवान ने इतना बदकिस्मत बनाया कि पत्नी, बेटियों, मां, भाइयों को आखिरी बार देख भी नहीं पाया। पिछले हफ्ते ही छोटी बेटी का दूसरा जन्मदिन था। मेरी बेटियां मेरे घोंसले में रहने वालीं चिड़िया थीं, अभी तक भी यकीन नहीं कर पा रहा हूं कि वे हमेशा के लिए मुझे छोड़कर चली गई हैं। मैंने अपने फोन और लैपटॉप से उनकी तस्वीरें डिलीट कर दी हैं, क्योंकि वे मुझे तिल-तिल कर मार रही हैं। मैं मर जाना चाहता हूं, लेकिन पत्नी शिरीन ने वादा लिया था कि अगर उन्हें कुछ हो गया तो वे कोई गलत कदम नहीं उठाएंगे।

 

9 दिन पहले दुनिया में आया बच्चा मारा गया

अहमद के जीवित बचे रिश्तेदारों में से एक हामिद अल-गुफ़री बताते हैं कि जब हमले शुरू हुए तो जो लोग पहाड़ी पर चढ़ गए, वे बच गए, लेकिन जिन्होंने घरों में शरण ली थी, वे मारे गए। मिसाइल अटैक हुआ था। पूरा परिवार एक जगह जमा हो गया था। महिलाओं और बच्चों को मिलाकर करीब 110 लोग थे। परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला 98 साल की दादी थीं और सबसे छोटा सदस्य 9 दिन पहले दुनिया में आया था, लेकिन सब मारे गए। पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। हवाई जहाज आसमान में मंडरा रहे थे, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि वे हमला करने वाले हैं। बच्चे जहाजों को देखकर खुश हो रहे थे कि अचानक बमबारी और फायरिंग शुरू हो गई।

 

कभी गाजा वापस नहीं आएगा अहमद अल-गुफरी

हामिद अल-गुफ़री बताते हैं कि अहमद अपने पिता के साथ वेस्ट बैंक में ही है। वह गाजा नहीं आना चाहता। वह कहता है कि मैं कभी गाजा नहीं आऊंगा। गाजा में मेरा सपना टूट गया। मेरे सपनों का आशियाना बिखर गया। मैं अब किसके लिए वापस आऊं? मुझे डैड कौन कहेगा? मुझे डार्लिंग कौन कहेगा?

 

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Feb 27, 2024 01:51 PM

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