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गाजा वालों के पास दो रास्ते ‘भूख से मरना या गोली खाना’, UNRWA प्रमुख ने इसे बताया ‘कब्रिस्तान’

Israel-Gaza War: लंबे समय से इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग चल रही है। इस जंग में सबसे ज्यादा तबाही गाजा के लोग झेल रहे हैं। यहां पर लाखों बच्चों समेत नागरिक भुखमरी के कारण मौत के मुंह में पहुंच गए हैं। इस पर UNRWA प्रमुख का बयान सामने आया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Shabnaz Updated: Jul 12, 2025 08:43
UNRWA chief Philippe Lazzarini
Photo Credit- X

Israel-Gaza War: इजराइल लगातार गाजा पर हमले कर रहा है। कुछ समय के लिए हमले रुकते हैं, तो उससे भी गाजा की परेशानी कम नहीं हो रही है। दरअसल, इस जंग में हुई तबाही के बाद वहां के हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। जो बच्चे नागरिक इजराइल के हमलों से बच जा रहे हैं, वह भुखमरी से मौत के मुंह तक पहुंच गए हैं। इस पर UNRWA प्रमुख फिलिप लाजारिनी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने गाजा को बच्चों और भूखे लोगों का कब्रिस्तान बताया है। साथ ही UNICEF ने भी वहां के हालात पर फिर से चिंता जताई है।

कब्रिस्तान बना गाजा

गाजा में लगातार बढ़ती भुखमरी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इस पर UNICEF की तरफ से कई बार चिंता जाहिर की जा चुकी है। हाल ही में UNRWA प्रमुख फिलिप लाजारिनी ने एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने गाजा के हालात का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि ‘गाजा में जिस तरह के हालात हैं, उससे यह बच्चों और भूखे लोगों का कब्रिस्तान बन गया है। उनके पास केवल दो ही रास्ते रह गए हैं, या तो वह भूख की वजह से जान गंवा रहे हैं या दूसरा ऑप्शन, वो जंग में गोली खाकर खत्म हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘इससे हमारे आदर्श और मूल्य खत्म हो रहे हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने इस पर कार्रवाई करने की मांग की।

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उन्होंने गाजा में मदद पहुंचाने को लेकर कहा कि ‘जो मदद पहुंचाई जा रही है, वह वहां के हालात के हिसाब से बहुत कम है। दूसरी तरफ अलजजीरा की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि ‘सहायता केंद्रों पर भी पिछले कुछ दिनों में करीब 798 लोगों की मौत हुई है।

UNICEF ने किया ट्वीट

UNICEF ने बीते दिन एक ट्वीट किया, जिसमें गाजा के लोगों के हालात पर चिंता जताई। संस्था ने लिखा कि ‘यह क्रूरता है, जो आज गाजा में कई लोग झेल रहे हैं।’ आगे लिखा गया कि ‘कई महीनों से इस इलाके में सहायता पहुंचाई जा रही है, लेकिन मदद के लिए वह पूरी नहीं हैं। साथ ही संघर्ष में शामिल पक्ष नागरिकों की सिक्योरिटी की बुनियादी जिम्मेदारी निभाने में भी विफल रहे हैं।’

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First published on: Jul 12, 2025 08:43 AM

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