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11 साल की उम्र में अपहरण, जबरन शादी के बाद हमास को बेचा; ISIS की कैद से छूटी महिला की रुला देने वाली कहानी

World News in Hindi: आईएसआईएस की कैद से छूटी इराकी महिला ने रुला देने वाली कहानी बयां की है। महिला ने 10 साल यातना झेली। हमास की कैद में महिला के ऊपर खूब जुल्म हुए। लेकिन अब महिला कैद से आजाद होने में सफल रही। महिला ने अपनी आपबीती शेयर की है। विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 4, 2024 19:09
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Iraqi Woman Fauzia Amin Sidoo: आईएसआईएस की ओर से 10 साल पहले अगवा की गई महिला को बचा लिया गया है। 11 साल की बच्ची को इराक से अगवा किया गया था। जिसके बाद उसे एक फिलिस्तीनी लड़ाके के साथ शादी के लिए मजबूर किया गया। महिला मूल रूप से यजीदी है, जिसका नाम फौजिया अमीन सिदो है। 2014 में कैद हुई महिला अब छूटने में सफल रही है। इराक की सिदो को बार-बार यातनाओं का सामना करना पड़ा। जबरन शादी के बाद उसे हमास में गाजा के हवाले कर दिया गया।

महिला के पति की हो चुकी मौत

इजराइली रक्षा बलों का दावा है कि बमबारी में महिला के पति की मौत हो चुकी है। सिदो अपनी कैद से आजाद हो गई और बचाए जाने से पहले एक सुरक्षित स्थान पर छिप गई। इसके बाद इजराइली सुरक्षा बलों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर उसे खोज निकाला। इसके बाद केरेम शालोम क्रॉसिंग के माध्यम से उसे गाजा पट्टी से बाहर निकाला गया।

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पूरा ऑपरेशन गुप्त रखा गया था। इजराइल में प्रवेश करने के बाद सिदो को एलनबी क्रॉसिंग के जरिए जॉर्डन ले जाया गया। बाद में महिला को इराक में उसके परिवार के हवाले कर दिया गया। सिदो को यकीन नहीं था कि वह कभी अपने परिवार से मिल पाएगी। उसने बचने तक की आस छोड़ दी थी। कनाडाई व्यवसायी स्टीव मैमन का सिदो को बचाने में अहम रोल रहा है। मैमन को ‘यहूदी शिंडलर’ के नाम से जाना जाता है। वे भी मूल रूप से यहूदी हैं। मैमन अब तक हजारों यजीदियों को हमास और आईएसआईएस की कैद से छुड़ा चुके हैं।

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हजारों यजीदियों को बचा चुके मैमन

मैमन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें बताया है कि मैंने फौजिया नामक यजीदी से वादा किया था कि उसे छुड़वाकर रहूंगा। सिदो गाजा में हमास की बंधक थी। मैंने उसे सिंजर (इराक) में मां के पास लाने का वादा किया था। सिदो को बचाना इतना आसान नहीं था। मैमन ने कहा कि आज तक जितने भी यजीदी बचाए गए हैं, उनमें सिदो को बचाने का काम सबसे कठिन था। सिदो को 11 साल की उम्र में बंधक बनाया गया था। इराक के विदेश मंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ ने सिदो को बचाए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सिदो की शारीरिक स्थिति अच्छी है। अब भी वह अपने साथ हुए जुल्म को याद कर सिहर उठती है। अमेरिका ने भी उसके रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद की।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 04, 2024 07:09 PM

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