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76 साल बाद बिछड़ों का मिलन, मक्का के काबा में मिले बुआ-भतीजी, जानिए कैसे Youtuber ने मिलाया?

Indo-Pak family reunion in Mecca: पंजाब के कपूरथला में रहने वाली हनीफा ने अपनी बुआ हाजरा बीबी से मिलने के लिए पाकिस्तानी सरकार से वीजा के लिए आवेदन भी किया था, जिसे बाद में अस्वीकार कर दिया गया था। लेकिन एक यूट्यूबर की वजह से फिर से यह परिवार एक हो सका।

Edited By : khursheed | Updated: Nov 21, 2023 09:49
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76 साल बाद बिछड़ों का मिलन, मक्का के काबा में मिले बुआ-भतीजी, जानिए कैसे Youtuber ने मिलाया?

Indo-Pak family reunion in Mecca after 76 years of Partition: भारत और पाकिस्तान के बंटवारे को आज 75 साल से ज्यादा बीत चुके हैं। लेकिन इस बंटवारे में जो हुआ वो आज भी लोगों को याद है। भारत-पाकिस्तान पार्टीशन के दौरान लाखों लोगों की हत्या और कई हजारों औरतें के साथ बलात्कार किया गया था। साथ ही कई लाख लोग अपनों से बिछड़कर भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत आने को मजबूर हुए। हालांकि, कई सारे लोग अपनों से बिछड़ने के बाद सालों बाद एक हुए। इसी के बाद अब सऊदी अरब के मक्का में एक यूट्यूबर की वजह से बिछड़ा परिवार एक हो सका।

जानकारी के अनुसार, यह बिछड़ा परिवार 17 महीनों से मिलने की कोशिश कर रहा था। लेकिन लंबी कोशिशों के बाद अब जाकर पाकिस्तान की 105 साल कीं हाजरा बीबी और 60 साल कीं उनकी भतीजी हनीफा मक्का शहर के काबा में एक हुए। 1947 में विभाजन के दौरान बिछड़े परिवारों ने मिलने के लिए पहले भी कई प्रयास किए थे, लेकिन कई कारणों से वे मिल पाए थे। आखिरकार पिछले साल जून में पाकिस्तान के एक YouTuber ने हाजरा बीबी को मक्का में अपनी भतीजी के साथ फिर से मिलने के लिए फोन कॉल किया।

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कई बार की कोशिश

इन बिछड़े परिवारों ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में मिलने के लिए भी कई प्रयास किए थे। लेकिन अनुमति न मिलने की वजह से वहां भी वे मिल नहीं सके थे। पंजाब के कपूरथला में रहने वाली हनीफा ने अपनी बुआ हाजरा बीबी से मिलने के लिए पाकिस्तानी सरकार से वीजा के लिए आवेदन भी किया था, जिसे बाद में अस्वीकार कर दिया गया। पिछले साल जून में हाजरा बीबी ने पहली बार हनीफा को वीडियो कॉल किया था। कॉल के दौरान उन्होंने अपनी छोटी बहन मजीदा से मिलने के लिए कहा, लेकिन पता चला कि कुछ समय पहले उसकी मृत्यु हो गई थी। इस खबर से हाजरा बीबी टूट गई थीं।

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बहन बंटवारे के समय रह गई थीं भारत में ही

जब दोनों परिवारों ने उम्मीद खोनी शुरू कर दी थी, तब एक पाकिस्तानी यूट्यूबर, नासिर ढिल्लों और अमेरिका में रहने वाले एक सिख व्यक्ति पॉल सिंह गिल उनकी सहायता के लिए आए और दोनों परिवारों को मक्का में मिलाया। ढिल्लों ने कहा ने बताया कि हमने हाजरा बीबी का वीडियो अपलोड किया था, जिससे हमें पंजाब (भारत) में उनकी बहन के परिवार का पता लगाने में मदद मिली। हाजरा 1947 के विभाजन के दौरान पाकिस्तान आ गई थीं, जबकि उनकी छोटी बहन मजीदा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि हनीफा को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की अनुमति क्यों नहीं मिल सकी। इससे पहले विभाजन के दो पीड़ित भाई सादिक खान और सिक्का खान गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में मिले थे। हनीफा ने हाजरा बीबी से मिलने के लिए पाकिस्तानी वीजा के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन भारत में पाकिस्तान उच्चायोग ने उसका अनुरोध स्वीकार नहीं किया। बंटवारे में बिछड़े दोनों परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं थे। इसके लिए अमेरिका में रहने वाले पॉल सिंह गिल ने हाजरा बीबी और हनीफा को मिलाने मक्का की यात्रा करने की व्यवस्था कराई।

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Edited By

khursheed

First published on: Nov 21, 2023 09:48 AM

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