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‘खुद रूस के साथ बिजनेस कर रहे हैं ट्रंप’, भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया करारा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय से सोमवार शाम 6 पॉइंट का एक स्टेटमेंट जारी किया गया है। जिसमें भारत सरकार की तरफ ट्रंप की धमकियों का करारा जवाब दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Aug 5, 2025 00:16
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डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम मोदी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है। भारत सरकार ने 6 पॉइंट का एक स्टेटमेंट जारी किया है। जिसमें भारत सरकार ने ट्रंप के हर उस सवाल का जवाब दिया है जिसे लेकर वो बार-बार भारत को धमका रहे थे। एक पॉइंट में भारत सरकार ने बताया कि ट्रंप खुद रूस के साथ बिजनेस कर रहे हैं, लेकिन हमारे मामले के विपरित उनका कारोबार करना कोई मजबूरी नहीं है।

ट्रंप खुद क्या कर रहे हैं?

विदेश मंत्रालय से सोमवार शाम 6 पॉइंट का एक स्टेटमेंट जारी किया गया है। जिसमें भारत सरकार की तरफ ट्रंप की धमकियों का करारा जवाब दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रंप के हर धमकी का जवाब देकर समझाया गया है कि वो खुद क्या कर रहे हैं?

ये भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप की भारत को धमकी, रूस से तेल खरीद रहे हो तो देना होगा और ज्यादा टैरिफ

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यूक्रेन संघर्ष के बाद शुरू किया तेल खरीदना

1.यूक्रेन संघर्ष के बाद यूरोप की ओर तेल की आपूर्ति बढ़ने के कारण भारत ने रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया था। उस समय, अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था।

खुद रूस के साथ कर रहे बिजनेस

2. भारत के आयात का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। वैश्विक बाजार की स्थिति को देखते हुए यह एक अनिवार्य आवश्यकता है। जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वे स्वयं रूस के साथ बिजनेस कर रहे हैं। हमारे मामले के विपरीत, उनका व्यापार कोई बाध्यता नहीं है।

बिजनेस का दिया हवाला

3. रूस के साथ यूरोपीय संघ का वस्तुओं का द्विपक्षीय बिजनेस 67.5 बिलियन यूरो था। इसके अलावा, 2023 में सेवाओं का बिजनेस 17.2 बिलियन यूरो होने का अनुमान है। यह उस वर्ष या उसके बाद के वर्ष में रूस के साथ भारत के कुल बिजनेस से कहीं अधिक है। यूरोपीय एलएनजी आयात 2024 में रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुँच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया।

यूरोप-रूस का बिजनेस

4. यूरोप-रूस बिजनेस में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।

    अमेरिका भी रूस से करता है बिजनेस

    5. जहां तक अमेरिका का सवाल है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम, और रूस से उर्वरक और रसायन आयात करता रहता है।

      भारत को निशाना बनाना गलत

      6. इस संदर्भ में भारत को निशाना बनाना गलत है। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।

      ये भी पढ़ें: ‘यूक्रेन के खिलाफ जंग में इस्तेमाल हो रहा भारत का पैसा’, रूस से तेल खरीदना जारी रखने से बौखलाया अमेरिका

        ट्रंप ने क्या बोला?

        ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है, ‘भारत भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए ज्यादातर तेल को खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन कितने लोगों को मार रही है। इस वजह से मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ को और ज्यादा करूंगा।

        First published on: Aug 04, 2025 11:15 PM

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