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भारत-चीन बॉर्डर से बड़ी खबर, लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए लैंडिंग ग्राउंड बनेगा

नई दिल्ली: चीन द्वारा अपनी ओर से नए सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण की खबरों के बीच भारतीय सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को बड़ी खबर जानकारी दी है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक भारत जल्द ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी से 50 किलोमीटर से कम दूरी पर लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अपने न्योमा […]

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Oct 28, 2022 12:29
भारत-चीन बॉर्डर की प्रतीकात्मक फोटो 1.jpg
भारत-चीन बॉर्डर की प्रतीकात्मक फोटो 1.jpg

नई दिल्ली: चीन द्वारा अपनी ओर से नए सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण की खबरों के बीच भारतीय सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को बड़ी खबर जानकारी दी है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक भारत जल्द ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी से 50 किलोमीटर से कम दूरी पर लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अपने न्योमा उन्नत लैंडिंग ग्राउंड के उन्नयन के लिए निर्माण कार्य शुरू करने जा रहा है।

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सैन्य अधिकारियों के मुताबिक एएलजी को जल्द ही लड़ाकू विमान संचालन के लिए अपग्रेड किया जा रहा है क्योंकि अधिकांश आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन पहले ही आ चुके हैं। योजना के अनुसार नए हवाई क्षेत्र और सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र से लड़ाकू विमानों के संचालन की क्षमता से वायु सेना की विरोधियों द्वारा किसी भी दुस्साहस से तेजी से निपटने की क्षमता मजबूत होगी।

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आगे सैन्य अधिकाउन्होंने कहा कि क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में निर्माण कार्य का उद्घाटन जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। भारत पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ), फुकचे और न्योमा सहित हवाई क्षेत्रों के विकास के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है, जो चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से कुछ ही मिनटों की दूरी पर हैं।

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First published on: Oct 27, 2022 03:45 PM

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