Google Spying Users Private Browsing Data: गूगल चोरी छिपे अपने यूजर्स की जासूसी कर रहा है। यूजर्स की प्राइवेसी में सेंध लगाकर डाटा इकट्ठा कर रहा है। इसके लिए उसे 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 41 हजार करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है। गूगल पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि कंपनी यूजर्स के डेटा की सीक्रेट ट्रैकिंग कर रही है। इसलिए गूगल के खिलाफ एक केस दायर किया गया, जिसका निपटारा करने का आदेश Google की मूल कंपनी अल्फाबेट को दिया गया है। हालांकि गूगल का कहना है कि उसने केस का निपटारा कर लिया है, लेकिन कैलिफोर्निया की अदालत ने कंपनी को 24 फरवरी 2024 तक केस के निपटारे के डोक्यूमेंट कोर्ट में पेश करने का टाइम दिया है। अगर गूगल आदेशों की पूर्ति नहीं कर पाया तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा।
$TSLA $SPY $SONG Google agrees to settle $5 billion lawsuit accusing it of tracking Incognito users https://t.co/8G6rPRMGTy $QQQ $AAPL $BTC pic.twitter.com/9lWLw1MS49
— Music Licensing (@OTC_SONG) December 29, 2023
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साल 2020 में दायर किया गया था मुकदमा
केस करने वाले व्यक्ति का कहना है कि Google एनालिटिक्स, कुकीज़ और ऐप्स के माध्यम से यूजर्स को ट्रैक किया जा रहा है। Google यूजर्स की पसंद और नापसंद, दोस्तों, शौक, पसंदीदा भोजन, खरीदारी की आदतों और कुछ अन्य निजी बातां के बारे में जानता है, जिनके बारे में यूजर्स ऑनलाइन सर्च करते हैं। Google ने अपनी तरफ से मुकदमे को ख़ारिज करने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने मामले की तह तक जाने के लिए गूगल की दलील को खारिज कर दिया। न्यायाधीश रोजर्स ने कहा कि साल 2020 में दायर इस मुकदमे में 1 जून 2016 से अब तक के लाखों Google यूजर्स को पार्टी बनाया गया है। केस में प्रत्येक यूजर को कम से कम 5 हजार डॉलर मुआवजा देने की मांग की गई है।
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पुश नोटिफिकेशन से जासूसी करने में सक्षम गूगल
गौरतलब है कि गूगल पर अकसर यूजर्स की जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिकी सीनेटर रॉन विडेन (Ron Wyden) ने इसे सरकार के इशारे पर किया गया कृत्य करार दिया। साथ ही मामले को लेकर न्याय विभाग को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि गूगल पुश नोटिफिकेशन के जरिए यूजर्स की जासूसी कर रहा है। पुश नोटिफिकेशन एक पॉप अप मैसेज है, जो होम स्क्रीन पर नया मैसेज आने का अलर्ट होता है, लेकिन इसके जरिए जासूसी संभव है। अगर यूजर ने पुश नोटिफिकेशन ऑन किया है तो टेक कंपनियां पता लगा सकती हैं कि आपके फोन में कौन-सा ऐप इंस्टॉल है। आप के आईडी पासवर्ड क्या हैं? आपके दोस्त कौन हैं? आपके फोन में किस-किस का नंबर है आदि के बारे में गूगल पता कर सकता है।
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