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Global Warming: क्यों बढ़ता जा रहा धरती का तापमान? 6 वजह आईं सामने, सबसे बड़ा कारण इंसान

Impact of global warming: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने लगातार बढ़ रहे धरती के तापमान को लेकर चिंता जताई है। ग्लोबल टेंपरेचर में लगातार बढ़ोतरी दुनिया के लिए चिंताजनक है। सितंबर से अब तक औद्योगिक तापमान में लगभग पहले से 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। जो पहले के 1.7 से काफी अधिक है। मेलबर्न शहर […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 7, 2023 08:43
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Impact of global warming: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने लगातार बढ़ रहे धरती के तापमान को लेकर चिंता जताई है। ग्लोबल टेंपरेचर में लगातार बढ़ोतरी दुनिया के लिए चिंताजनक है। सितंबर से अब तक औद्योगिक तापमान में लगभग पहले से 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। जो पहले के 1.7 से काफी अधिक है। मेलबर्न शहर में चर्चा के दौरान वैज्ञानिकों ने इसके छह प्रमुख कारक माने हैं। पेरिस में समझौता होने के बाद लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। लेकिन फिर भी लगातार दुनिया का तापमान बढ़ रहा है।

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  1. वैज्ञानिकों ने पहला कारक अल नीनो को माना है। जिसके कारण उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्सों में सतही भाग गर्म होते जा रहे हैं। अल नीनो के कारण ही ताप में लगभग 0.2 तक बढ़ोतरी हो रही है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि पिछले आठ साल में तापमान बढ़ने का कारण अल नीनो है। जिसमें असाधारण तौर पर बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन अल नीनो को पूरी तरह जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।
  2. इंसान जो वायु प्रदूषण करता है, उससे ग्रह ठंडा रहता है। लेकिन जो ग्रीनहाउस गैस पैदा होने से गर्मी होती है, उसको भी यह कुछ कम करता है। लेकिन अब 2020 में इसको कम करने के लिए इंटरनेशनल समझौता हुआ है। जिसका लक्ष्य वैश्विक शिपिंग उद्योग से सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम करना है। बताया जा रहा है कि उत्तरी अटलांटिक और प्रशांत क्षेत्रों में स्वच्छ हवा ने गर्मी में योगदान दिया है। इससे डिग्री के 100वें हिस्से में तापमान बढ़ रहा है। समझौते के तहत माना जा रहा है कि 2050 तक 0.05 डिग्री तापमान इससे बढ़ जाएगा।
  3. प्रदूषण का स्तर तब कम होता है, जब सूर्य की ज्यादा ऊर्जा धरती तक पहुंचती है। इसकी मात्रा चेंज होती रहती है। 11 साल के अलग-अलग सौर चक्र के कारण जलवायु लगातार बदल रही है। 2019 के बाद से सूर्य काफी सक्रिय है। जिसके कारण ग्लोबल टेंपरेचर बढ़ रहा है। बढ़ती सौर एक्टिविटी के कारण डिग्री के 100वें हिस्से का तापमान बढ़ रहा है।
  4. दक्षिण प्रशांत महासागर में पानी के नीचे हंगा टोंगा-हंगा हाआपाई ज्वालामुखी का फटना भी कारण माना जा रहा है। ये विस्फोट 15 जनवरी 2022 को हुआ था। जिससे ऊपरी वायुमंडल तक जल वाष्प पहुंच गया था। जो एक ग्रीनहाउस गैस है। इससे भी गर्मी बढ़ जाती है। हालांकि इस विस्फोट को दो साल हो गए हैं। लेकिन इसके कारण भी लगातार ग्लोबल टेंपरेचर बढ़ रहा है।
  5. अल नीनो और प्रदूषण के कारण वैश्विक टेंपरेचर पिछले एक साल से बदल रहा है। मौसम प्रणाली के कारण भी भूमि की सतह लगातार गर्म हो रही है। क्योंकि यह ऐसी जगह पर है, जो लगातार गर्मी को पैदा कर रही है। पश्चिमी यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में कई जगहों पर उच्च दबाव की प्रणाली दिख रही है। जिसके कारण बेमौसम गर्मी बढ़ती है। जब उच्च दबाव प्रणाली सक्रिय होती है, तो समुद्र में भी उतनी प्रतिक्रिया दिखाई नहीं देती है। समुद्री गर्मी के कारण भू स्तर में गर्मी हो रही है। जिससे टेंपरेचर बढ़ रहा है।
  6. छठा सबसे बड़ा कारण है इंसान। जो जलवायु परिवर्तन में +1.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि कर रहा है। इंसानों के कारण ग्लोबल वार्मिंग में 1.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण ग्रीन हाउस उत्सर्जन की रेट हाई हो गई है। माना जा रहा है कि ग्लोबल वार्मिंग ऐसा ही रहा, तो पीक पर होगी। पिछले सितंबर की बात करें, तो ग्रीन हाऊस का प्रभाव उतनी ही मजबूत था। जितना आज है। इसका प्रभाव गरीब देश झेल रहे हैं। अमीर देश लगातार ग्रीन हाउस उत्सर्जन को बढ़ावा दे रहे हैं। जिसके कारण प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं।

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News24 हिंदी

First published on: Oct 07, 2023 08:43 AM
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