नेपाल में 8 सितंबर को शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन अब धीमा पड़ने लगा है। लोगों के भीषण हंगामे के बाद 8 सितंबर को गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए। इसके बाद 9 सितंबर को दोपहर में केपी शर्मा ओली ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से उनकी कोई खबर नहीं। 10 सितंबर देर शाम ओली ने लिखित बयान जारी किया है। पहले तो पूर्व पीएम ओली ने पुलिस फायरिंग में मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद आरोप लगाया कि मौजूदा आंदोलनों के पीछे की ताकतें युवाओं को विनाशकारी गतिविधियों के लिए भटका रही हैं और सरकारी दफ्तरों में आगजनी की घटनाएं सुनियोजित राजनीति का हिस्सा हैं।
नेपाल के शिवपुरी में ओली
पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने 9 सितंबर को अपने मंत्रियों के साथ हेलीकॉप्टर के जरिए काठमांडू छोड़ दिया था। कयास लगाए जा रहे थे कि वह देश छोड़कर चले गए हैं। प्रदर्शनकारी भी लगातार पूर्व पीएम ओली को ढूंढ रहे हैं। अब उनकी जानकारी सामने आ गई है। पूर्व पीएम ओली शिवपुरी में हैं। वहां नेपाली सेना उनकी सुरक्षा कर रही है।
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युवाओं को दिया भावुक संदेश
पूर्व पीएम शर्मा ओली के कोई बेटा नहीं है, केवल एक बेटी है। इस पर बात करते हुए कि राजनीतिक संघर्ष के कारण उनके (ओली) अपने बच्चे नहीं हैं, पर पिता बनने की चाह कभी खत्म नहीं हुई। यह बात उन्होंने युवा प्रदर्शनकारियों के प्रति संवेदना जाहिर करने के लिए कही। इसके साथ ही ओली ने पुलिस फायरिंग में मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि दी।
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युवाओं ने सुशीला कार्की को चुना नेता
हिंसक प्रदर्शन के बीच युवा प्रदर्शनकारियों ने 10 सितंबर को बैठक की। वर्चुअल बैठक में 7 हजार से ज्यााद लोगों के जुड़ने का दावा है। इसमें कई नेताओं पर चर्चा हुई। करीब 3000 से ज्यााद लोगों ने नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अपना अस्थाई नेता चुना है। कार्की ने भी युवाओं के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है।