नई दिल्ली: यूक्रेन पर हमले के लगभग नौ महीनों में पहली बार रूस ने गुरुवार को कहा कि जिन भारतीय छात्रों को युद्ध के कारण यूक्रेन से भागना पड़ा, वे अपनी शेष शिक्षा रूस में जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस में मेडिकल की पढ़ाई लगभग एक जैसी है।
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न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए रूसी महावाणिज्य दूत ओलेग अदवीर ने कहा कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं क्योंकि चिकित्सा पाठ्यक्रम लगभग समान है। उन्होंने कहा कि वे यूक्रेन के लोगों की भाषा जानते हैं, उनमें से अधिकतर रूसी बोलते हैं, ऐसे छात्रों का हमारे यहां स्वागत है।
हजारों भारतीय छात्रों ने छोड़ा था रूस
रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश के खिलाफ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू किया था, जिसके बाद हजारों भारतीय मेडिकल छात्र युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे रह गए थे। इसके बाद, भारत सरकार ने रूसी आक्रमण के बीच यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया था।
अवदीव की टिप्पणी तब आई है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई।
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बता दें कि भारत ने लगातार यूक्रेन में लड़ाई खत्म करने का आह्वान किया है और बातचीत पर जोर दिया है। इसने खाद्य और ऊर्जा की कीमतों पर विशेष रूप से कमजोर देशों के लिए यूक्रेन संकट के प्रभाव को बार-बार उठाया है। हालांकि, भारतीय पक्ष ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान नहीं किया है और अब तक सार्वजनिक रूप से फरवरी में शुरू किए गए आक्रमण के लिए पुतिन की निंदा करने से परहेज किया है।
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