दुबई में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने सैकड़ों निवेशकों की जिंदगी में तूफान ला दिया। एक ब्रोकरेज कंपनी “गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स” अचानक गायब हो गई और करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई। इस कंपनी ने फोन कॉल्स के जरिए लोगों को फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए मनाया और सुरक्षित मुनाफे का झांसा दिया। भारत के कई निवेशक, खासकर केरल से, इस जाल में फंस गए और अपनी जिंदगी की जमा-पूंजी गंवा बैठे। जब लोग सच्चाई जानने ऑफिस पहुंचे, तो वहां सिर्फ धूल, टूटे तार और खाली कुर्सियां मिलीं जैसे कंपनी कभी थी ही नहीं। आइए जानते हैं पूरा मामला।
फोन कॉल से फंसाए गए थे निवेशक
दुबई की एक ब्रोकरेज फर्म “गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स” रातों-रात गायब हो गई, जिससे भारतीयों समेत सैकड़ों निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए। यह कंपनी दुबई के बिजनेस बे (Business Bay) इलाके के कैपिटल गोल्डन टॉवर में दो ऑफिस चला रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लगभग 40 कर्मचारी लगातार फोन कॉल्स के जरिए लोगों को विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) में निवेश करने के लिए मनाते थे। निवेशकों को यह विश्वास दिलाया गया कि उन्हें सुरक्षित और अच्छा मुनाफा मिलेगा। लेकिन अब वहां के ऑफिस खाली पड़े हैं, फर्श पर धूल जमी है और वायरिंग तक उखाड़ी जा चुकी है।
Dubai based Brokerage firm vanishes overnight pic.twitter.com/1ZQrd1Lw9o
— IPO DELIVER (@IPODELIVER) May 21, 2025
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केरल के भारतीयों ने गंवाए लाखों रुपये
इस धोखाधड़ी का शिकार बने लोगों में भारतीय भी शामिल हैं। केरल के मोहम्मद और फैयाज पॉयल नाम के दो भाइयों ने मिलकर करीब 75,000 डॉलर (लगभग 62 लाख रुपये) का निवेश किया था। मोहम्मद ने बताया कि वह खुद ऑफिस पहुंचकर सच्चाई जानने की कोशिश करने गए थे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। “हमने हर नंबर पर कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ऐसा लग रहा था जैसे कंपनी कभी थी ही नहीं,” उन्होंने कहा। एक और भारतीय निवेशक संजीव ने बताया कि यह कंपनी “सिग्मा-वन कैपिटल” नाम के एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी निवेश करवाती थी, जो किसी भी आधिकारिक संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
पुलिस में शिकायत, जांच शुरू
अब दुबई पुलिस ने इस मामले में दोनों कंपनियों ‘गल्फ फर्स्ट’ और ‘सिग्मा-वन’ के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। जांच में पता चला है कि ‘सिग्मा-वन कैपिटल’ का कोई लाइसेंस दुबई फाइनेंशियल सर्विसेस अथॉरिटी (DFSA) या सिक्योरिटीज एंड कमोडिटीज अथॉरिटी (SCA) के पास नहीं है। कंपनी ने खुद को कैरिबियन देश सेंट लूसिया में रजिस्टर्ड बताया था और बुर दुबई में मूसल्ला टॉवर में अपना ऑफिस होने का दावा किया था, लेकिन जांच में पाया गया कि वहां ऐसा कोई ऑफिस कभी था ही नहीं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे फर्जीवाड़े
यह घोटाला दुबई में पहले हुए अन्य मामलों से काफी मिलता-जुलता है, जैसे डटएफएक्स और ईवीएम प्राइम जैसी कंपनियों के केस। इन सभी में निवेशकों को ठगने के लिए एक जैसी रणनीति अपनाई गई कोल्ड कॉल्स के जरिए “सुरक्षित और शानदार रिटर्न” का झांसा देकर पैसे ऐंठे गए। कई लोगों ने तो अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट तक खत्म कर दी या कर्ज लेकर निवेश किया। बाद में उन्हें पता चला कि जिन ऑफिसों की बात की गई थी, वो असल में कभी अस्तित्व में थे ही नहीं। अब निवेशक न्याय की उम्मीद में पुलिस और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।