Donald Trump Oath Ceremony Facts: डोनाल्ड ट्रंप आज दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। भारतीय समय के अनुसार ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह आज यानी सोमवार की रात 10 बजे शुरू होगा। इस दौरान ट्रंप बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेंगे। मगर क्या आप जानते हैं कि इस शपथ समारोह में क्या क्या होगा? वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइबिल पर हाथ रखकर कसम क्यों खाते हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
कैसा होगा ट्रंप का शपथ समारोह?
डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल हिल पर रखा गया है। कैपिटल हिल अमेरिका का संसद भवन है, जहां 700 से ज्यादा अमेरिकी लोगों के सामने ट्रंप 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। इस दौरान ट्रंप की पत्नी मेलानिया बाइबिल पकड़ कर खड़ी होंगी और ट्रंप इसी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण करेंगे।
म्यूजिकल परफॉर्मेंस पर बना सस्पेंस
डोनाल्ड ट्रंप के म्यूजिकल परफॉर्मेंस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। दरअसल अमेरिकी चुनाव के दौरान ज्यादातर हॉलीवुड स्टार्स ने कमला हैरिस का समर्थन किया था। ऐसे में ट्रंप के शपथ समारोह में म्यूजिकल परफॉर्मेंस कौन करेगा? यह अभी तक पता नहीं चला है। शपथ लेने के बाद ट्रंप कैपिटल हिल के सैट्यूटरी हॉल में सभी सांसदों के साथ लंच करेंगे। इसके बाद कैपिटल हिल से व्हाइट हाउस तक ट्रंप की रैली देखने को मिलेगी, जिसकी अगुवाई डोनाल्ड ट्रंप ही करेंगे।
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बाइबिल की कसम खाना जरूरी?
अब सवाल यह है कि ट्रंप बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ क्यों लेंगे। अमेरिका में यह परंपरा 1789 से चल रही है। पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने इस प्रथा की शुरुआत की थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि बाइबिल या किसी भी धार्मिक पुस्तक की शपथ लेना बाध्य नहीं है। अमेरिकी संविधान में सिर्फ राष्ट्रपति के शपथ लेने का जिक्र है। अमेरिका के 6वें राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने किसी किताब पर हाथ रखे बिना ही शपथ ग्रहण की थी।
Do NOT retweet this video of President Donald J. Trump telling the world, “WE WON” 🇺🇸
This will offend every Liberal on 𝕏 pic.twitter.com/wAKYyAryDv
— MAGA Voice (@MAGAVoice) January 19, 2025
जीत के बाद शपथ में क्यों लगे 75 दिन?
अमेरिकी चुनाव के नतीजे 5 नवंबर को ही सामने आ गए थे। कमला हैरिस को मात देकर डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा सत्ता में वापसी की थी। हालांकि जीत हासिल करने से लेकर शपथ ग्रहण समारोह में 75 दिन का समय लग गया। आमतौर पर भारत में 4-10 दिन में पावर ट्रांसफर होती है, वहीं यूके जैसे कई देशों में कुछ घंटों में पावर ट्रांसफर कर दी जाती है। मगर अमेरिका में पावर ट्रांसफर की प्रक्रिया 72-78 दिन में पूरी होती है।
क्या है वजह?
अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने 20 जनवरी 1933 को अपने कार्यकाल की शुरुआत की थी। इसके लिए संविधान में 20वां संशोधन किया गया और शपथ ग्रहण की तारीख 20 जनवरी कर दी गई थी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति का शपथ समारोह मार्च या अप्रैल में होता था। मगर 1933 के बाद से सभी अमेरिकी राष्ट्रपति 20 जनवरी को ही शपथ लेते हैं। यही वजह है कि नवंबर में चुनावी नतीजे आने के बावजूद ट्रंप का शपथ समारोह आज रखा गया है।
This is America’s vibe starting tomorrow… and I’m here for it. 🇺🇸🇺🇸🇺🇸 pic.twitter.com/sTjQZB5pHy
— Donald Trump Jr. (@DonaldJTrumpJr) January 20, 2025
ट्रंप के शपथ ग्रहण में कौन-कौन शामिल?
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया की कई दिग्गज हस्तियां मौजूद रहेंगी। इस लिस्ट में पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा, जॉर्ज डब्लू बुश, उनकी पत्नी लौरा बुश, बिल क्लिंटन, हिलेरी क्लिंटन और मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का नाम शामिल है। इसके अलावा चीन और यूक्रेन समेत 6 देशों के राष्ट्र अध्यक्षकों को भी इस शपथ समारोह में आमंत्रित किया गया है।
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