US Nuclear Weapons Testing: अमेरिका फिर से परमाणु हथियारों की टेस्टिंग करेगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को परमाणु हथियारों की टेस्टिंग करने का आदेश दिया है. उन्होंने रूस और चीन के लेवल की टेस्टिंग करने को कहा है, वहीं आज चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद ट्रंप ने परमाणु परीक्षण के आदेश को सही ठहराते हुए एक बयान दिया. दूसरी ओर, ट्रंप के आदेश के बाद आई अमेरिकी कांग्रेस की रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आगामी 24 से 36 महीने परमाणु परीक्षण कर लिया जाएगा.
U.S. President Donald J. Trump announces that he has instructed the “Department of War” to resume the testing of nuclear weapons, in response to testing programs by other countries, citing both China and Russia. The last nuclear test by the United States was carried out on… pic.twitter.com/d640LiyOUM
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परीक्षण के आदेश पर क्या बोले ट्रंप?
राष्ट्रपति ट्रंप ने एयरफोर्स-1 में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जब रूस और चीन परमाणु परीक्षण कर सकते हैं तो अमेरिका ऐसा क्यों नहीं कर सकता? अमेरिा के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, बावजूद इसके हम परीक्षण करेंगे, क्योंकि बाकी देश भी करते हैं. अभी तय नहीं हुआ है कि परमाणु परीक्षण कब और कहां करेंगे, लेकिन जल्दी ही साइट और टाइम फाइनल करके टेस्टिंग की घोषणा करेंगे. परमाणु परीक्षण करने का प्लान हाल ही में बनाया है और प्लान बनाते ही घोषणा भी कर दी गई है.
1992 में जॉर्ज बुश ने लगाई थी रोक
बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुध ने वर्ष 1992 से परमाणु परीक्षणों पर रोक लगा दी थी. इससे पहले 1945 से 1992 तक अमेरिका 1054 परमाणु परीक्षण कर चुका था. ‘कम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी’ (CTBT) के तहत परमाणु परीक्षणों पर रोक से जुड़े प्रस्ताव पर अमेरिका और चीन दोनों ने साइन किए थे, लेकिन प्रस्ताव को औपरचारिक रूप से लागू नहीं किया गया था, इसलिए चीन परमाणु परीक्षण कर रहा है तो अमेरिका ने भी समझौते से बाहर होकर परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया है.
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रूस-चीन के कारण लिया फैसला
दरअसल, रूस और चीन ने हाल ही में परमाणु परीक्षण किए हैं. रूस ने Poseidon न्यूक्लियर टॉरपीडो का परीक्षण किया, जिसका अब किसी के पास तोड़ नहीं हैं, वहीं Burevestnik क्रूज मिसाइल का परीक्षण भी रूस ने किया है. दूसरी ओर, चीन ने ICBM साइलो बढ़ाए हैं, इसलिए अमेरिका ने नावेदा नेशनल सिक्योरिटी साइट पर परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया है. इससे जहां रूस-चीन और अमेरिका में परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ेगी, वहीं भारत और पाकिस्तान पर भी परमाणु परीक्षण का असर संभव है.
1992 में किया था आखिरी परीक्षण
बता दें कि अमेरिका ने आखिरी बार परमाणु हथियारों का 1054वां परीक्षण 33 साल पहले 23 सितंबर 1992 को किया था. रेनियर मेसा पहाड़ी पर 2300 फीट की गहराई में नेवादा नेशनल सिक्योरिटी साइट पर परीक्षण किया गया था, ताकि रेडिएशन जमीन तक न आए और विस्फोट इतना भयानक था कि सतह एक फीट ऊपर उठकर धंसी थी. चट्टानें भाप बन गई थीं और 10 मीटर गहरा 150 मीटर चौड़ा गड्ढा बन गया था.










