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Pakistani नहीं करना चाहते भाई-बहनों से शादी, ब्रिटेन में हुई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा

Cousin Marriage In Pakistan: पाकिस्तान के कुछ कस्बों में करीबी रिश्तेदारी में चचेरे-ममेरे-मौसेरे भाई-बहनों से शादी को एक परंपरा के तौर पर देखा जाता है, लेकिन अब यह रिवाज कम होने लगा है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Nov 19, 2023 14:09
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UK Bradford Youngsters
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Cousin Marriage in Pakistani Community Decreasing: एक गोत्र और परिवार में शादी करने का चलन हिन्दू धर्म में नहीं है, लेकिन पड़ोसी इस्लामिक देश पाकिस्तान में इस तरह का न कोई चलन है और न कोई सामाजिक मान्यता। दरअसल, इस्लाम में चचेरी, ममेरी, मौसेरी या फुफेरी बहन से निकाह करने की इजाजत है। इसी वजह से पाकिस्तान के कुछ कस्बों में करीबी रिश्तेदारी में चचेरे-ममेरे-मौसेरे भाई-बहनों से शादी को एक परंपरा के तौर पर देखा जाता है, लेकिन अब यह रिवाज कम होने लगा है। इसका खुलासा ब्रिटेन के एक छोटे से इलाके ब्रैडफोर्ड में हुई रिसर्च में हुआ, जहां पाकिस्तानी मुसलमानों की आबादी काफी है। यहां अब कजिन मैरिज करने वालों की संख्या में पिछले 10 वर्षों में तेजी से गिरावट आई है।

 

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रिसर्च के दौरान सामने आई एक टीचर की कहानी

BBC की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च शिक्षा, नए परिवारों का शहर में आकर बसना और इमिग्रेशन के नियमों में बदलाव को इस गिरावट का कारण माना जाता है। रिसर्च के दौरान हुई बातचीत के अनुसार, ब्रैडफोर्ड में रहने वाली जुवैरिया अहमद ने 1988 में अपनी चचेरी बहन से शादी की। जुवैरिया की 52 वर्षीय पत्नी ने बताया कि उनके बच्चों ने एक बार उनसे पूछा था कि उनकी और उनके पिता की मुलाकात कैसे हुई थी। मैं उन पर हंस रही थी। मैंने कहा कि मैं वास्तव में उनसे नहीं मिली। मेरे माता-पिता मुझे पाकिस्तान ले गए और पिता ने कहा कि तुम इस व्यक्ति से शादी करने जा रही हो। मैं जानता था कि वह कौन था, लेकिन पहली बार मेरी उससे ठीक से मुलाकात शादी में हुई थी। इसके जवाब में बच्चों ने कहा कि यह घृणित था। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमसे भी कुछ ऐसा ही कराओगे, जिसका वह जवाब नहीं दे पाईं।

आज के नौजवानों का भाई-बहनों से शादी से इनकार

10 साल पहले ब्रैडफोर्ड में 30 हजार से अधिक लोगों के स्वास्थ्य का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने पाया कि पाकिस्तानी समुदाय में लगभग 60% बच्चों के माता-पिता पहले या दूसरे चचेरे भाई-बहन थे, लेकिन शहर के 3 वार्डों में हुए नए अध्ययन से पता चला है कि यह आंकड़ा गिरकर 46% हो गया है। शोध से यह भी पता चला कि चचेरे भाई से शादी होने से जन्म दोषों का खतरा लगभग दोगुना हो गया। बॉर्न इन ब्रैडफोर्ड रिसर्च प्रोजेक्ट के चीफ रिसर्चर डॉ. जॉन राइट ने कहा कि चचेरे भाई से शादी पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में काफी होती हैं, जहां से कई परिवार ब्रैडफोर्ड में रहते हैं। कभी-कभी ब्रैडफोर्ड में रहने वाली लड़की की शादी पाकिस्तान में चचेरे भाई से कर दी जाती है, जो फिर ब्रिटेन में रहने के लिए आता है। इस परंपरा को लेकर पीढ़ी-दर-पीढ़ी तनाव रहा है। वहीं अब कुछ नौजवान अरेंज मैरिज और खासतौर पर चचेरे भाई से शादी के विचार को दृढ़ता से खारिज कर रहे हैं।

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बदलता वक्त और जागरुकता भी गिरावट का कारण

स्वास्थ्य अनुसंधान के प्रोफेसर, नील स्मॉल, जो शुरू से ही बॉर्न इन ब्रैडफोर्ड से जुड़े रहे हैं, कहते हैं कि चचेरे भाई से शादी में तेजी से गिरावट के लिए कई संभावित तरीके तलाशे जा रहे हैं। जैसे जन्मजात विसंगतियों के जोखिम के प्रति जागरूकता बढ़ी है। हाई एजुकेशन लेने वाले युवाओं की पसंद प्रभावित हो रही है। पीढ़ियां बदलने से माता-पिता और बच्चों के बीच विवाह के बारे में बातचीत का तरीका और सोच बदल रही है। इमिग्रेशन के नियमों में बदलाव से पति-पत्नी के लिए ब्रिटेन जाना कठिन हो गया है। नए इम्रिग्रेशन नियमों से प्रभावित आयशा ब्रैडफोर्ड में जन्मी थी, जिसने8 साल पहले पाकिस्तान में अपने चचेरे भाई से शादी की थी। अगले वर्ष अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था। जब तक बच्चा 2 साल का नहीं हो गया, उसका पति ब्रिटेन नहीं आ पाया। इसके लिए उसे कड़ा संघर्ष करना पड़ा। प्रोफ़ेसर स्मॉल के अनुसार, दुनिया के 8 अरब लोगों में से लगभग एक अरब लोग ऐसे समाजों में रहते हैं, जहा चचेरे भाई से शादी आम बात है।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Nov 19, 2023 02:08 PM

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