Columbus’s ‘Discovery of America’ letter will be auctioned in October: क्रिस्टोफर कोलंबस को अमेरिका की खोज के लिए जाना जाता है। उसने 12 अक्टूबर 1992 में अमेरिका को समुद्र की लंबी यात्रा कर खोज निकाला था। वहीं, बताया जाता है कि कोलंबस भारत की खोज करने निकला था, लेकिन गलत दिशा में जाने के चलते वो अमेरिका पहुंच गया था। इसलिए यहां पर पहुंचने के बाद उसने अमेरिकी लोगों को रेड इंडियन्स का नाम दिया था। कोलंबस ने अमेरिका की खोज करने के बाद एक लेटर लिखा था, अब अक्टूबर में उसके इस लेटर की नीलामी होगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस लेटर की 12 करोड़ से ज्यादा की बोली लग सकती है।
कोलंबस ने पत्र में लिखा- मैंने महामहिमों के लिए कब्जा कर लिया
क्रिस्टोफर कोलंबस ने ‘डिस्कवरी ऑफ अमेरिका’ लेटर में अमेरिका की खोज करने पर यूरोप के शाही कोषाध्यक्ष लुइस डी सेंटेंजेल को लिखा कि मैं उस बेड़े के साथ इंडीज के लिए रवाना हुआ जो हमारे प्रसिद्ध शासक राजा और रानी ने मुझे दिया था, जहां मैंने बहुत सारे द्वीपों की खोज की। जिनमें अनगिनत लोग रहते हैं। साथ ही उन्होंने लिखा कि कुल मिलाकर, मैंने महामहिमों के लिए कब्जा कर लिया है। क्रिस्टोफर कोलंबस की जीवनी लिखने वाले लेखक और प्रोफेसर फेलिप फर्नांडीज ने बताया कि कोलंबस के लेटर में उल्लिखित घटनाएं एक यात्रा की पहली रिपोर्ट थीं, जिसने वास्तव में दुनिया को बदल दिया।
12 करोड़ रुपये से ज्यादा की लग सकती है बोली
कोलंबस के रेयर लेटर को 1493 में लैटिन भाषा से अनुवादित किया गया था, जो कुलीन यूरोपीय लोगों को यात्रियों की खोजों की खबर बताने के लिए एक प्रारंभिक प्रिंटिंग प्रेस पर मुद्रित किया गया था। कोलंबस के इस लेटर की अक्टूबर में क्रिस्टी की नीलामी में $1.5 मिलियन यानी 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लग सकती है। प्रोफेसर फर्नांडीज ने कहा कि पहली बार कोलंबस की यात्रा ने अटलांटिक के पार व्यावसायिक रूप से काम आने वाले रास्ते को बनाया और समुद्र के दोनों किनारों पर लंबे समय से लुप्त हो रही संस्कृतियों के बीच संचार शुरू किया।
कोलंबस के महत्व से इनकार नहीं कर सकते
कोलंबस ने अपने लेटर में द्वीपों पर पाई गई समृद्ध प्राकृतिक संपदा की प्रशंसा की। इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी लोगों को असाधारण डरपोक बताया, साथ ही उनकी संदेहहीन और उदारता को लेकर उन्हें मूर्खों के रूप में चित्रित किया। फर्नांडीज कहते हैं कि कोलबंस को आप पसंद करें या नहीं, उसके महत्व से इनकार नहीं कर सकते। आपको बता दें क्रिटोफर कोलंबस के लेटर को लगभग एक शताब्दी तक एक निजी स्विस संग्रह में रखा गया था और इसे “कोलंबस के पत्र का सबसे प्रारंभिक संस्करण” के रूप में वर्णित किया गया है।