Chinese Scientists Claims Earthquake Prediction: गत 18 दिसंबर को चीन में 6.2 तीव्रता के भूकंप ने काफी तबाही मचाई। गांसु प्रांत में आए भूकंप ने 100 से ज्यादा लोगों की जान ली। इमारतें गिर गईं, लोग बेघर हो गए। तबाही का मंजर देखने को मिला। वहीं अब चीन के वैज्ञानिकों ने भूकंप को लेकर एक ऐसा दावा किया है, जो अब से पहले किसी ने नहीं किया और इस दावे के बारे में जानकर दुनियाभर के साइंटिस्ट सोच में पड़ गए हैं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? दरअसल, चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें भूकंप आने के बारे में पहले से पता चला गया था, लेकिन भूकंप किस जगह पर आएगा, इसके बारे में वे पता नहीं लगा पाए। अगर पता लग जाता तो वे परिणामों के लिए पहले से तैयार रहते। न इतनी जानें जाती और न ही तबाही मचती।
A year of many natural disasters for China
A powerful earthquake of magnitude 6.2 occurred in Jiangsu, China, in the northwest of the country
---विज्ञापन---At least 118 people were killed and hundreds were injuredpic.twitter.com/woPcmjOLjt
— Nguyentue (@NguyentuePi) December 19, 2023
पिछले 9 सालों में सबसे शक्तिशाली भूकंप
चीन की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार रात को आए भूकंप के कारण 131 लोगों की मौत हुई। 700 से ज्यादा लोग घायल हुए। यह भूकंप पिछले 9 सालों में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। चीन के वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप का पूर्वानुमान लगाना अंसभव कार्य है, लेकिन चीनी प्रांत शानक्सी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक इजाद की है, जिससे करीब 7 तीव्रता वाले भूकंप के आने का पता पहले ही लगाया जा सकता है। असामान्य संकेतों को पढ़ने वाले सेंसर्स के जरिए उन्होंने धरती के गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र पर नजर रखी और वहां हो रही हरकतों से भूकंपीय तरंगों का उन्हें संकेत मिला। वैज्ञानिकों को 5 दिन पहले ही भूकंप आने का पता चल गया था।
10 किलोमीटर की गहराई से आया भूकंप
वहीं वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अभी उनके पास वह तकनीक नहीं है, जिससे पता लग सके कि भूकंप किस जगह पर आएगा? लेकिन इस दिशा में प्रयास जारी हैं। चीन के जियान जियाओतोंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर झांग माओशेंग का भी कहना है कि अगर हम यह जान सकते हैं कि भूकंप आने वाला है तो अब हमें जल्द से जल्द उस तकनीक को भी तलाश लेना चाहिए, जो यह बताएगी कि भूकंप किस जगह को हिट करेगा? यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे की मानें तो भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई से आया। यह फरवरी 2023 में अफगानिस्तान में आए भूकंप की गहराई जितना था। वहीं चीन का गांसु इलाका भूकंप के नजरिये से काफी एक्टिव एरिया है।
चीन में आया भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से नहीं आया, बल्कि इंट्राप्लेट भूकंप था, जबकि 98 प्रतिशत भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने, रगड़, खिंचाव और दबाव के कारण आते हैं।