Canada Pm Justin Trudeau We Not looking to escalate situation with India: भारत के कड़े रुख के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की अक्ल ठिकाने आ गई है। उन्होंने मंगलवार को रॉयटर्स के हवाले से कहा कि कनाडा भारत के साथ विवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है। ओटावा नई दिल्ली के साथ जिम्मेदारी पूर्वक और रचनात्मक रूप से जुड़ना जारी रखेगा।
कनाडा प्रधानमंत्री ये टिप्पणी ऐसे मौके पर आई है जब भारत ने कनाडा से अपने एक दर्जन राजनयिकों (डिप्लोमैट्स) को वापस बुलाने के लिए कहा है। भारत ने साफ कहा है कि दोनों देशों में डिप्लोमैट्स की संख्या बराबर होनी चाहिए। यह वियना कन्वेंशन के तहत जरूरी है। डिप्लोमैट्स को देश छोड़ने के लिए 10 अक्टूबर की तारीख दी गई है।
क्यों है कनाडा और भारत के बीच विवाद?
दरअसल, हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को वैंकूवर में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने तीन साल पहले ही उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था। सितंबर के दूसरे हफ्ते में दिल्ली में आयोजित जी-20 से लौटने के बाद पीएम जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को भारत पर आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में RAW का हाथ है। हालांकि उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ गए।
ट्रूडो के आरोपों को भारत ने बताया बेतुका
भारत ने 19 सितंबर को ट्रूडो के दावे को बेतुका कहकर खारिज कर दिया। दोनों देशों ने जैसे को तैसा कदम उठाते हुए एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया, कनाडा ने देश में भारत के शीर्ष खुफिया अधिकारी को बाहर कर दिया। जबकि भारत ने अपने कनाडाई समकक्ष को निष्कासित कर दिया।
विदेश मंत्री कनाडा को अमेरिका में घेरा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अमेरिका में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कनाडा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा, धमकी और हिंसा जैसी चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। इससे पहले यूनाइटेड नेशन में स्पीच देते हुए बिना कनाडा का नाम लिए कहा था कि राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत है। आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं लेना चाहिए।
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