British Israeli soldier Aner Shapiro save dozens died while catching Hamas grenades: इजराइल के 22 साल के अनेर शापिरो की इन दिनों चर्चा है। ऐसा इसलिए कि ‘शहीद’ होने से पहले अनेर ने अपने दर्जनभर दोस्तों को मौत से बचाया, लेकिन इस दौरान एक वक्त ऐसा आया कि वो ‘मौत’ को गच्चा नहीं दे पाया और आतंकियों के ग्रेनेड का शिकार हो गया। इसका खुलासा अनेर की दादी ने किया है। उन्होंने बताया कि अनेर ब्रिटिश इजराइली सैनिक था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 अक्टूबर को जब हमास के आतंकियों ने इजराइल के सुपरनोवा म्यूजिक फेस्ट में पहुंचकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थी, तब अनेर भी वहीं मौजूद था। फेस्ट के एक हिस्से में मौजूद अनेर अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। जब अनेर को हमले की जानकारी हुई तो वो मेन गेट पर आ गया और अपने दोस्तों को पीछे रहने को कहा।
एक-एक कर 7 ग्रेनेड वापस आतंकियों की ओर फेंके
रिपोर्ट के मुताबिक, जहां अनेर खड़ा था, वहां हमास के आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला किया। जब भी आतंकी ग्रेनेड फेंकते थे, अनेर उस ग्रेनेड को उठाकर आतंकियों की ओर वापस फेंक देता था। अनेर ने ऐसा करीब 7 बार किया, लेकिन जैसे ही आठवां ग्रेनेड उसने फेंकने की कोशिश की, ग्रेनेड में ब्लास्ट हो गया और अनेर शहीद हो गया। लेकिन शहीद होने से पहले अनेर ने अपने करीब दर्जनभर दोस्तों की जान बचाई।
अनेर की दादी यामिमा बेन-मेनहेम ने बताया कि हमले के पहले दिन हमें कुछ भी पता नहीं था, हम बस अस्पतालों में अनेर की तलाश कर रहे थे। हमने सोचा कि शायद वह घायल हो गया है, हमें आतंकवादियों के खिलाफ उसकी वीरतापूर्ण काम के बारे में कुछ भी नहीं पता था। करीब 3 दिन बाद फेस्ट में जिंदा बचे लोगों ने अनेर को फोन कर उसकी वीरता के बारे में जानकारी दी। अनेर की दादी ने बताया कि उसके दोस्तों ने बताया कि कैसे उसने दर्जनभर लोगों की जान बचाई।
जिसकी जान बची, उसने अनेर को देवदूत बताया
भयावह घटना से बची एक महिला अगम ने फेसबुक पर अनेर को श्रद्धांजलि देते हुए पोस्ट लिखा। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि अनेर शापिरो… ने हमारी जान बचाई और हमारी रक्षा करने वाले देवदूत होने के लिए वह सम्मान पदक के हकदार हैं। बता दें कि हमास के आतंकियों ने सबसे पहले ‘सुपरनोवा म्यूजिक फेस्ट’ को निशाना बनाया था। 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने हमला करते हुए फेस्ट में शामिल लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल से बचावकर्मियों ने करीब 260 शव बरामद किए। इसके अलावा आतंकवादी समूह ने कफ़र अज़ा और बेरी समेत कई गांवों में बच्चों की भी हत्या कर दी और कुछ परिवारों को जिंदा जला दिया। बताया जा रहा है कि एक सैन्य अड्डे पर स्थापित एक अस्थायी शवगृह में फोरेंसिक और चिकित्सकों की एक टीम 24 घंटे मृतकों की पहचान करने के लिए काम कर रही है। टीम ने अब तक लगभग 800 शवों की पहचान की है, जिनमें से 688 को दफनाने के लिए परिवारों को सौंप दिया गया है।