Bangladesh Political Crisis Military Coups History: बांग्लादेश हिंसा की हर तरफ चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री शेख हसीना को आर्मी ने देश से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने देश छोड़ने के लिए पीएम शेख हसीना को 45 मिनट का समय दिया और अब आर्मी चीफ ही बांग्लादेश के सबसे पावरफुल शख्स बनकर उभरे हैं। जाहिर है कि जनमत से सत्ता में आई पार्टी की जगह अब बांग्लादेश की आर्मी ने ले ली है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब सेना ने देश में तख्तापलट की कोशिश की। इससे पहले भी बांग्लादेश की आर्मी 10 बार शेख हसीना को गद्दी से हटाने की कोशिश कर चुकी है।
1.शेख मुजीबुर रहमान की हत्या
15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के एक आर्मी ऑफिसर ने शेख हसीना के पिता मुजीबुर रहमान को सत्ता से हटाने की साजिश रची। इस दौरान भी बांग्लादेश में काफी हिंसा भड़की। आखिर में शेख मुजीबुर रहमान समेत पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया गया। उस दौरान शेख हसीना अपनी छोटी बहन के साथ लदंन में थीं। इसलिए उनकी जान बच गई।
2. खोंडकर मुस्ताक अहमद का तख्तापलट
शेख मुजीब के बाद खोंडकर मुस्ताक अहमद बांग्लादेश की गद्दी पर काबिज हुए। उन्हें हटाने के लिए आर्मी ने एक बार फिर प्लान तैयार किया। 3 नवंबर 1975 को ब्रिगेडियर खालिद मुशर्रफ और बीर उत्तम ने मिलकर तख्तापलट को अंजाम दिया। मेजर जनरल जियाउर रहमान ने इस तख्तापलट का समर्थन नहीं किया तो उन्हें भी जेल में डाल दिया गया था।
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#WATCH | Bangladesh: People in Dhaka take to streets, as violence erupts in the country.
Bangladesh PM Sheikh Hasina has landed at Hindon Air Base in Ghaziabad, India in a C-130 transport aircraft. As per Bangladesh Army Chief, she has resigned as the PM and an Interim… pic.twitter.com/acSOsDobOr
— ANI (@ANI) August 5, 2024
3. ब्रिगेडियर खालिद मुशर्रफ का कत्ल
वामपंथी सैन्यकर्मियों ने जातीय और सामाजिक दलों के साथ मिलकर 7 नवंबर 1975 को फिर से तख्तापलट किया। ब्रिगेडियर खालिद मुशर्रफ को मौत के घाट उतार दिया गया और जियाउर रहमान भी जेल से रिहा हो गए। जियाउर रहमान को बांग्लादेश का अगला राष्ट्रपति नियुक्त किया गया।
4. राष्ट्रपति जियाउर रहमान का प्लेन हाईजैक
सितंबर 1977 में जियाउर रहमान को मारने की साजिश रची गई। उनकी विदेश यात्रा के दौरान फ्लाइट 472 को हाइजैक कर लिया गया। हालांकि तख्तापलट की ये कोशिश नाकाम हो गई।
5. राष्ट्रपति जियाउर रहमान का मर्डर
बांग्लादेश की सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर मौजूद हुसैन मुहम्मद इरशाद ने एक बार फिर से जियाउर रहमान को मारना चाहा। 30 मई 1981 को चटगांव दौरे के दौरान जियाउर रहमान को उनके बॉडीगार्ड्स के साथ मौत के घाट उतार दिया गया।
6. रद्द हुआ संविधान
मुहम्मद इरशाद यहीं नहीं रुके। 24 मार्च 1982 को उन्होंने राष्ट्रपति अब्दुस सत्तार को भी पद से हटाकर संविधान रद्द कर दिया। 11 दिसंबर 1983 को अहसानुद्दीन चौधरी ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया।
7. अबू सालेह मोहम्मद नसीम से रची साजिश
बांग्लादेश के लेफ्टिनेंट जनरल अबू सालेह मोहम्मद नसीम ने 19 मई 1996 को तात्कालीन राष्ट्रपति अब्दुर रहमान बिस्वास को हटाने की कोशिश की थी। हालांकि ये कोशिश नाकाम रही और नसीम को गिरफ्तार कर लिया गया था।
8. सेना प्रमुख ने किया तख्तापलट
सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मोइन अहमद ने 11 जनवरी 2007 को सैन्य तख्तापलट किया। इस दौरान फखरुद्दीन अहमद को सरकार का मुखिया बनाया गया और इयाजुद्दीन अहमद बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने। हालांकि 2008 में चुनाव हुआ और आवामी लीग सत्ता में आ गई।
9. शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह
बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) ने 25-26 फरवरी 2009 को सबसे बड़े तख्तापलट की साजिश रची थी। इस दौरान शेख हसीना ने भारत से मदद की गुहार लगाई और तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शेख हसीना का साथ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि ये विद्रोह असफल साबित हुआ और विद्रोही सैनिकों को जेल में डाल दिया गया।
10. इस्लामिक कानून की मांग
जनवरी 2012 में कुछ लोगों ने बांग्लादेश में इस्लामिक कानून लाने का खाका तैयार किया। मगर ये तख्तापलट भी कामयाब ना हो सका। इस बार सेना ने ही तख्तापलट के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
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