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बांग्लादेश में सड़कों पर उतरी सेना, मोहम्मद यूनुस पर इस्तीफे का दबाव

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। सेना ढाका की सड़कों पर मार्च कर रही है। उधर यूनुस की सहयोगी पार्टी बीएनपी ने यूनुस से चुनावी रोडमैप मांगा है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: May 24, 2025 13:29
Mohammad Yunus resignation demand
मोहम्मद यूनुस। (File Photo)

बांग्लादेश की राजनीति में एक बार फिर उठापटक का दौर शुरू हो गया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस पर इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। ढाका की सड़कों पर बांग्लादेश की फौज लगातार मार्च कर रही है। उधर मोहम्मद यूनुस की समर्थक रही बीएनपी पार्टी ने आम चुनाव का रोडमैप देने को कहा है। इसको लेकर आज शाम बीएनपी ने आपात बैठक बुलाई है।

यूनुस सरकार अवैधानिक- सेना प्रमुख

बांग्लादेश में सेना और यूनुस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेशी सेना प्रमुख वकार-जमान ने यूनुस सरकार को अवैधानिक बता दिया है। इसके बाद बौखलाए यूनुस खान ने इस्तीफे की धमकी दी जिसे सेना ने स्वीकार भी कर लिया। अब यूनुस इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। बांग्लादेश में जिस तरह के हालात बने हुए हैं उससे लग रहा है कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का टाइम पूरा हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार यूनुस बिना चुनाव कराए अगले कुछ वर्षों तक सत्ता में रहना चाहते हैं। इसको लेकर सेना यूनुस के खिलाफ मुखर हो चुकी है।

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देश में दिसंबर तक चुनाव होने चाहिए

बांग्लादेश में सेना और मोहम्मद यूनुस के बीच दरार की अटकलें बुधवार को और गहरा गई जब प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि देश में दिसंबर तक चुनाव होने चाहिए। बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ढाका में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हएु जनरल जमान ने कहा कि चुनाव कराने पर उनका रुख नहीं बदलेगा। निर्वाचित सरकार ही किसी देश का भविष्य निर्धारित कर सकती है।

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कट्टरपंथी संगठन नहीं चाहते हो चुनाव

आर्मी चीफ ने कहा कि अंतरिम सरकार को संवैधानिक निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। रखाइन कॉरिडोर के मुद्दे पर भी सेना स्पष्ट कर चुकी है कि हमारी सहमति के बगैर इसे बनाना पूरी तरह अवैध है। बता दें के पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने भी यूनुस पर दबाव बनाते हुए दिसंबर तक चुनाव कराने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी जारी की कि अगर जल्द चुनाव नहीं हुए तो वे अंतरिम सरकार को समर्थन नहीं कर पाएंगे। हालांकि कट्टरपंथी संगठन नहीं चाहते हैं कि देश में 5 साल से पहले चुनाव हो।

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First published on: May 24, 2025 12:23 PM

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