Baltimore Accident: यूएस के बाल्टीमोर में पुल गिरने के मामले में एफबीआई तेजी से जांच कर रही है। 26 मार्च को पटाप्सको नदी पर बने 2.6 किलोमीटर लंबे फ्रांसिस स्कॉट ब्रिज से 984 फुट लंबा डॉली जहाज टकरा गया था। फोरलेन ब्रिज के गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई थी। एक एनजीओ की ओर से बताया गया है कि भारतीय चालक दल के 20 और श्रीलंका के दल का एक व्यक्ति अभी भी जहाज पर है। इन लोगों के फोन जब्त किए गए हैं।
एफबीआई की पूछताछ में ये लोग सहयोग कर रहे हैं। बाल्टीमोर इंटरनेशनल सीफर्स सेंटर के कार्यकारी निदेशक रेव जोशुआ मेसिक ने बताया कि वे लोग लगातार उनके संपर्क में हैं, जो मामले से संबंधित हैं। चालक दल के लोगों से किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की जा रही है। उन लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। अभी तक सिर्फ उन लोगों को फोन वापस नहीं किए गए हैं। उन लोगों को दूसरी सिम खरीदने और समुद्र तट पर छुट्टी मनाने की परमिशन दी जा सकती है, अगर वे उनसे संपर्क करेंगे तो।
A series of controlled explosions are to be used on Monday to separate the stricken Dali ship from the remains of the collapsed Francis Scott Key Bridge in Baltimore. The 948 ft ship has remained at the scene since the accident and is covered in scrap from the bridge. @BBC pic.twitter.com/dFZhSY80KK
— Ved Nayak (@catcheronthesly) May 13, 2024
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अभी तक ये कर्मी इस बात को लेकर भी फैसला नहीं कर पा रहे थे कि दुनिया हादसे के बाद उनके बारे में क्या कहेगी? मेसिक ने बताया कि अभी उन लोगों को अपराधी की तरह नहीं देखना चाहिए। उनके हिसाब से वे हीरो कहे जा सकते हैं। मेसिक ने एफबीआई से सभी फोन चालक दल को लौटाने की अपील की। हादसे को उन्होंने मानवता के टुकड़े करने जैसा बताया। पुल ढहने के कारण निर्माण दल के 6 कर्मी मारे गए थे। हादसे के समय ये लोग पुल की मरम्मत करने में जुटे थे। हादसा दिल दहलाने जैसा था, जिसके बाद केस दर्ज कर जांच शुरू हुई थी।
क्या चालक दल को पता थीं जहाज की खामियां?
मेसिक के अनुसार ये जांच का हिस्सा है कि क्या चालक दल जब बंदरगाह से निकला था, तब उसको जहाज की खामियां पता लग गई थी? 600 टन वजनी जहाज का कंट्रोल खोना सवालों के घेरे में आता है। कर्मचारी पुल की स्पैन को तोड़ने के लिए कई सप्ताह से विस्फोट की तैयारी कर रहे थे, लेकिन खराब मौसम के कारण अभियान टाल दिया गया था। जहाज एकदम से आया और पुल के पिलर्स से टकरा गया था। बता दें कि बाल्टीमोर इंटरनेशनल सीफर्स सेंटर एक एनजीओ है, जो दुनियाभर से बाल्टीमोर बंदरगाह पर आने वाले नाविकों को सुविधाएं देने के लिए जाना जाता है।