आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान अब दिन रात आतंक के साये में जी रहा है। पाक सेना के लिए आतंक इतना सिर दर्द बन गया है कि पाकिस्तानी सेना पर लगातार दूसरे दिन हमला हुआ है। मंगलवार को बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने पाक सेना को निशाना बनाया है। हमले में 5 सैनिकों की मौत हो गई है। वहीं 2 सैनिक गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों ने पाक सेना को निशाना बनाया था। इस हमले में भी 5 सैनिक मारे गए थे। गत सोमवार को टीटीपी आंतकियों ने डेरा इस्माइल खान जिले में सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन (एसएनजीपीएल) को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इसके चलते वहां तैनात सैनिकों पर हमला किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उस हमले में 5 जवान मारे गए। वहीं जवाबी कार्रवाई में 8 आंतकी मारने का दावा किया गया था।
यह भी पढ़ें: दिवाली पर पाकिस्तान के खैबर पख्तून में आतंकी हमला, कई सैनिकों की मौत
पाक सेना पर दो दिनों के अलावा भी कई बार हमला हो चुका है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) जैसे अलगाववादी संगठन आए दिन पाक सेना को निशाना बना रहे हैं। पिछले सितंबर में आंतकियों ने बलूचिस्तान के मस्तुंग के दश्त इलाके में रेलवे ट्रैक पर विस्फोट किया था। हमले में जाफर एक्सप्रेस के एक डिब्बे को नष्ट कर दिया गया था। इसमें 12 यात्री घायल हुए थे। वहीं 10 अगस्त को मस्तुंग जिले में आंतकियों ने एक आईईडी विस्फोट किया था। इससे ट्रेन के छह डिब्बों के पटरी से उतर गए थे, 4 लोग घायल हुए थे।
यह भी पढ़ें: भूकंप से दहला पाकिस्तान, 4.7 रही तीव्रता, कई घरों को हुआ नुकसान
बता दें कि बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट की स्थापना जुम्मा खान मर्री ने 1964 में सीरिया में की थी। स्थापना के 4 साल बाद बलूच ने ईरान सरकार के खिलाफ बलूच विद्रोह में भाग लिया था। इस दौरान इराकी सरकार ने खुले तौर पर बीएलएफ का समर्थन किया था। इराक ने बलूच को हथियार जैसी मदद दी थी। 5 साल की लड़ाई के बाद ईरान ने बीएलएफ और अन्य बलूच उग्रवादियों का सफाया कर दिया।