Sea Disappeared In 50 Years : पूरी दुनिया इस समय क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते तापमान के खतरनाक प्रभावों का सामना कर रही है। जनवरी 2024 लगातार दूसरा ऐसा महीना रहा है जिसमें वैश्विक तापमान सामान्य के निशान से ऊपर रहा है। उल्लेखनीय है कि पहली बार वैश्विक औसत तापमान 1.5 डिग्री से ऊपर चला गया है। लेकिन एक दशक से अधिक समय पहले भी इस तरह के असर देखने को मिल रहे थे जब एक पूरा का पूरा समुद्र गायब हो गया था।
“The purpose of politics has always been to regurgitate the lies which this civilisation needs to keep telling itself in order to calm down and carry on.
---विज्ञापन---Carry on its self-destruction”
(Aral Sea, then and now)#politics #psychonomy #necrocapitalism #ClimateCrisis #anthropology pic.twitter.com/mVTL3XTsGx
---विज्ञापन---— George Tsakraklides (tsakraklides.bsky.social) (@99blackbaloons) February 2, 2024
कभी पानी से लबालब रहने वाला कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच स्थित अरल सागर (Aral Sea) 2010 तक सूख गया था। बता दें कि पूरे समुद्र को सूखने में महज 50 साल का समय लगा था। अरल सागर एक समय में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इनलैंड वाटर बॉडी हुआ करता था। यह 68,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला था। 1960 के दशक में इससे मिलने वाली नदियों को सोवियत सिंचाई प्रोजेक्ट्स के चलते डाइवर्ट कर दिया गया था जिसके चलते इसके सिकुड़ने की शुरुआत हुई थी।
The Aral Sea coastline from 1960 to 2009.https://t.co/wmH5DoQStb
— OnlMaps (@onlmaps) February 3, 2024
रेगिस्तान में बने खेत पर सूख गया समुद्र
1960 के दशक में सोवियत यूनियन ने सिंचाई के उद्देश्य से कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के सूखे मैदानों पर एक बड़े वाटर डायवर्जन प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। क्षेत्र की दो प्रमुख नदियों (उत्तर में सिर दार्या और दक्षिण में अमू दार्या) का इस्तेमाल इस रेगिस्तान को कॉटन व अन्य फसलों के लिए खेत में तब्दील करने के लिए किया गया था। लेकिन इसकी वजह से अरल सागर में पानी पहुंचना बंद हो गया था। इस प्रोजेक्ट ने सिंचाई को तो बेहतर किया सागर को तबाह कर दिया था।
1/4 The #Aral Sea has dried up in #Karakalpakstan;
The international community has allocated more than $30 billion to restore the #Aral Sea. Humanitarian aid and allocated funds did not reach the residents of #Karakalpakstan; everything remained in #Tashkent. @hrw @coe @VP https://t.co/asqvft6hZE pic.twitter.com/pZ8daiGTO1— Abbaz Dabilov (@King30072022) February 4, 2024
नहीं सफल हो पाई बचाने की कोशिश
एक समय में अरल सागर उत्तर से दक्षिण की ओर करीब 270 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम की ओर 290 किलोमीटर तक फैला था। लेकिन नदियों को डायवर्ट करने के बाद इसमें कमी आती चली गई और धीरे-धीरे पूरा समुद्र ही गायब हो गया। हालांकि, इसके कुछ हिस्से को बचाने के लिए कजाकिस्तान ने अरल सागदर के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच एक बांध बनाया था। लेकिन, समुद्र को वापस उसी स्वरूप में पहुंचाना लगभग असंभव हो गया है। यह हमारे भविष्य के लिए बहुत बड़ी चेतावनी है।
The Aral Sea, once world’s 4th largest lake, began shrinking in the 1960s after the rivers that fed it were diverted for Soviet irrigation projects. These NASA photos show the incomprehensibly quick rate at which the water reserves depleted. 1st photo is 1985, 2nd ’97, 3rd 2014. pic.twitter.com/XPgmKsGRp5
— Bakhti Nishanov (@b_nishanov) January 15, 2021
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