राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका-नाटो संबंधों में तनाव के बीच बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने नाटो की सैन्य समिति में अमेरिकी प्रतिनिधि नौसेना वाइस एडमिरल शोशना चैटफील्ड को बर्खास्त कर दिया है। हालांकि, इसका कोई कारण नहीं बताया गया, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने के पीछे उनकी टिप्पणियां हैं, जो बल में विविधता (Diversity in the force) का समर्थन करती हैं। उनकी बर्खास्तगी नए राजदूत की पुष्टि और नाटो डिफेंस टॉक के साथ की गई है।
क्यों किया बर्खास्त?
डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो की सैन्य समिति में अमेरिकी प्रतिनिधि को बर्खास्त कर दिया है। रॉयटर्स और पोलिटिको के मुताबिक, उनको पद से हटाने के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि यह फैसला उनकी टिप्पणियों के चलते किया गया है। आपको बता दें कि कई विदेशी तैनाती के साथ एक कैरियर हेलीकॉप्टर पायलट के रूप पर वह नौसेना युद्ध कॉलेज की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं।
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कौन हैं शोशना चैटफील्ड?
59 साल की शोशना चैटफील्ड 2019 में नेवल वॉर कॉलेज की अध्यक्ष के रूप में अपनी टिप्पणियों के बाद रूढ़िवादियों से आलोचना का सामना करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने विविधता और बातचीत के महत्व पर जोर दिया था। शोशना सैन्य रैंकों के अंदर विविधता और सम्मान की वकालत करने के लिए जानी जाती हैं। वह एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट भी हैं। शोशना ने ब्रुसेल्स (2015-2017) में उप सैन्य प्रतिनिधि और मॉन्स, बेल्जियम में नाटो के मिलिटरी हेडक्वार्टर में सीनियर मिलिटरी सहयोगी समेत कई प्रमुख भूमिकाएं निभाईं हैं। द पेंटागन एबॉर्शन ट्रेवल पॉलिसी पर सीनेटर टॉमी ट्यूबरविले द्वारा उनके नामांकन पर रोक लगाने के बाद, उन्हें वाइस एडमिरल के पद पर प्रमोट किया गया।
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