Airline Corporate Jets Target With Fake GPS Signals: फर्जी जीपीएस सिग्नल के जरिए पिछले 15 दिनों में करीब 20 एयरक्राफ्ट्स को भटकाने का मामला सामने आया है। मामला ईरानी एयरस्पेस से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक, ईरान के ऊपर से उड़ान भरने वाले कम से कम 20 एयरलाइन और कॉरपोरेट जेटों को नकली जीपीएस सिग्नलों से निशाना बनाया गया।
जांच में सामने आया है कि एयरक्राफ्ट्स के नेविगेशन सिस्टम में घुसपैठ करने के लिए फर्जी सिग्नल जमीन से भेजे गए थे। ये फर्जी सिग्नल इतने सटीक थे कि एयरक्राफ्ट्स अपने रास्ते से भटक गए। विमानों के भटकने और नेविगेशन सिस्टम के फेल होने के बाद पायलेट्स को लैंड करने के लिए ATC (एयर ट्राफिक कंट्रोल) से मदद लेनी पड़ी।
बताया गया कि विमानों के जीपीएस सिग्नल से छेड़छाड़ का ये नया मामला नहीं है, ये करीब 10 साल पुरानी समस्या है, लेकिन ये पहली बार था कि यात्रियों के विमान को फर्जी जीपीएस सिस्टम के जरिए टार्गेट किया गया। अमेरिकी रेडियो तकनीकी आयोग का कहना है कि फर्जी जीपीएस सिग्नल वास्तविक सैटेलाइट सिग्नल को प्रभावित करता है, जिससे जीपीएस रिसीवर गलत स्थिति और समय बताता है।
फ्लाइट डेटा साइट चलाने वाले ग्रुप ऑप्स ने दी ये जानकारी
फ्लाइट डेटा साइट चलाने वाले ऑप्स ग्रुप के अनुसार, जीपीएस स्पूफिंग के 20 मामलों में से अधिकांश ईरान के हवाई क्षेत्र में वायुमार्ग UM688 पर थे।
जानकारी के मुताबिक, फर्जी जीपीएस सिग्नल से टार्गेट किए गए विमान बोइंग 777, 737 और 747 थे। 777 को तो अपने रास्ते से इतना भटका दिया गया था कि चालक दल को बगदाद एटीसी से पूछने के लिए मजबूर होना पड़ा।