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लोगों ने 3 साधुओं को पीटा, कपड़े उतारे, पुलिस बोली- लड़कियों को रोका था

Sadhus Stripped And Beaten Case Update: 3 साधुओं को कपड़े उतारकर पीटने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। पुलिस ने एक खुलासा किया है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 13, 2024 13:34
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Sadhus Stripped And Beaten By Public
Sadhus Stripped And Beaten By Public

UP Bareilly Sadhus Stripped And Beaten In Purulia West Bengal (अमर देव पासवान, पुरुलिया): पालघर जैसा कांड पश्चिम बंगाल में देखने को मिला, जब लोगों ने तीन साधुओं को कपड़े उतारकर पीटा। पीड़ित उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले थे और गंगासागर जा रहे थे, लेकिन पुरुलिया में लोगों ने उन्हें बेरहमी से पीटा।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वहीं पुरुलिया के SP अविजीत बैनर्जी ने बताया कि मामला 2 लड़कियों से जुड़ा है। पीड़ितों और गिरफ्तार किए गए लोगों के बयानों से मामला साफ हुआ है।

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भाषा की समस्या के कारण हुआ विवाद

SP बैनर्जी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के बयानों के अनुसार, साधुओं ने काली मंदिर के पास लड़कियों को रोका था, लेकिन भाषा संबंधी समस्या के कारण लड़कियों ने समझा कि वे साधु उनका पीछा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने शोर मचा दिया और लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने लड़कियों की बातों पर विश्वास कर लिया।

इसके बाद साधुओं को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उन्हें बेरहमी से पीटा गया। वे हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन लोगों को तरस नहीं आया। आखिर में इलाके के ही कुछ युवकों को उन पर दया आ गई और उन्होंने अपनी जान पर खेलकर भीड़ के चुंगल से उन तीनों संतों को बचाया और पुलिस को बुलाया।

 

संतों ने पुलिस को यह बयान दर्ज कराए

SP बैनर्जी के अनुसार, तीनों संतों ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बरेली से गंगा स्नान के लिये गंगासागर जा रहे थे। उनका कसूर केवल इतना था कि वह रास्ते मे लोगों से दान पुण्य मांगने की हिमाकत कर बैठे। किसी के कहने पर पुरुलिया के एक ईंट भट्ठा पर जा रहे थे, यह सोचकर कि ईंट भट्ठा मालिक उन्हें अच्छा दान देगा।

उन्होंने 3 नाबालिक युवकों से रास्ता पूछ लिया तो वे डर के मारे भाग गए। इसके बाद इलाके के लोगों ने उन्हें घेर लिया और बच्चा चोर कहते हुए काली मंदिर के पास ले गए, जहां उन्होने तीनों को नंगा करके जमकर धुनाई की। तीनों हाथ जोड़कर अपनी बेगुनाही का सबूत देते रहे, लेकिन वे नहीं माने।

 

संतों ने नहीं कराई FIR, पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया

SP ने बताया कि संतों ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से मना कर दिया है, लेकिन पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर मामले में कार्रवाई की है, ताकि पालघर जैसा कांड यहां न होने पाए। तीनो संतों में से एक बुजुर्ग संत हैं और 2 युवा संत हैं, जिनके साथ गाड़ी चालक भी है। लोगों ने संतों की गाड़ी भी तोड़-फोड़ दी।

भाजपा IT सेल के हेड अमित मालवीय ने अपने X अकाउंट पर साधुओं को पीटने की वीडियो शेयर करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि पुरुलिया में 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग जैसी घटना हुई है। लोग बचाने के बजाय तमाशबीन बने देखते रहे।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jan 13, 2024 01:04 PM

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