उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी का हिंदुत्व, अखिलेश यादव के पीडीए पर भारी पड़ता दिख रहा है। इसका नजारा पिछले महीने मिल्कीपुर उपचुनाव के रिजल्ट में देखने को मिला था। जहां अखिलेश यादव की पीडीए पॉलिटिक्स ध्वस्त हो गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी रणनीति से समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद सांस ही नहीं लेने दिया। बूथ स्तर पर उम्मीदवार को बढ़त दिलाने की रणनीति तैयार की और यह सफल रही। वहीं, इस बार संभल भी सियासत की धुरी बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ पर महामंथन कार्यक्रम में संभल को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसने चुनावी राजनीति को और गरमा दिया है। उन्होंने इतिहास और वेद-पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि संभल भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्मस्थल है और यह हमेशा से एक तीर्थस्थल रहा है। साथ ही, उन्होंने 1529 में मीर बाकी द्वारा संभल के हरि मंदिर को गिराए जाने की ऐतिहासिक घटना का भी जिक्र किया। आइए जानते हैं कि यूपी में 2027 के चुनाव में सीएम योगी और अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है? देखें वीडियो…
Sunday, 16 March, 2025
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Video: उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनाव में CM योगी और अखिलेश यादव के लिए क्या होगी सबसे बड़ी चुनौती?
उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 के चुनाव की आहट तेज हो गई है। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुओं को अपनी ओर करने में जुटे हुए हैं, वहीं अखिलेश यादव पीडीए यानी पीछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की राजनीति कर रहे हैं।
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First published on: Mar 16, 2025 12:21 AM
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