Surrogacy Child Mother Maternity Leave: केंद्र सरकार ने अपने 50 साल पुराने कानून में संशोधन (Amendment) कर महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब सरोगेसी के जरिए से भी मां बनने वाली महिला सरकारी कर्मचारियों को 180 दिनों का मैटरनिटी लीव मिल सकेगी। पहले सरोगेसी के मामले में महिला कर्मचारी को मैटरनिटी लीव का बेनिफिट्स नहीं मिलता था।
कानून में ये है संशोधन
केंद्र सरकार ने सरोगेसी से मां बनने वाली महिला कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (लीव) नियम 1972 में संशोधन किया है। 18 जून को अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (Notified Central Civil Services) (अवकाश) (संशोधन) नियम 2024 के अनुसार, “कमीशनिंग मदर” को चाइल्ड केयर लीव के अलावा “कमीशनिंग पिता” को 15 दिनों के पैटरनिटी लीव की मंजूरी दी है।
कार्मिक मंत्रालय ने संशोधित नियमों में साफ किया है कि “सरोगेट मां” का मतलब उस महिला से है जो कमीशनिंग मां की ओर से बच्चे को जन्म देती है तथा “कमीशनिंग पिता” का तात्पर्य सरोगेसी के जरिए से पैदा हुए बच्चे के इच्छुक पिता से है। क्या है मौजूदा नियम? सरकार ने कानून में क्या संशोधन किया है? आइए जान लेते हैं…
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