Pandit Jawaharlal Nehru Biography: देश की सियासत में जातीय जनगणना का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। हालांकि इसी बीच हम आपको देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नहरू से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हैं। पंडित नेहरू हिंदू थे या मुसलमान? इस सवाल को लेकर लोग अलग-अलग दावे करते हैं। मगर आज हम आपको हकीकत से रूबरू करवाते हैं। पंडित नेहरू के बारे में जानने के लिए हमें 700 साल पीछे 1717 में जाना होगा। यह कहानी पंडित नेहरू के परदादा के परदादा राजनारायण कौल से शुरू होगी।
दिल्ली में बसे पूर्वज
उस दौरान दिल्ली की गद्दी पर मुगल शासक फरुखसियर का राज था। वहीं कश्मीर की वादियों में एक कौल परिवार रहता था। इसके मुखिया का नाम राजनारायण कौल था। 1710 में उन्होंने कश्मीर के इतिहास पर एक किताब लिखी, जिसका नाम था तारीख-ए-कश्मीर। यह किताब पढ़ने के बाद फारुखसियर इतना खुश हुआ कि उसने राजनारायण कौल को दिल्ली आकर रहने का न्यौता भेज दिया। पंडित नेहरू के परदादा के परदादा राजनारायण कौल दिल्ली के चांदनी चौक में बस गए।
कैसे मिला ‘नेहरू’ नाम?
कई इतिहासकारों के अनुसार मुगल काल में यमुना नदी से एक नहर लाल किले की तरफ बहती थी। नहर के आसपास रहने वाले लोगों को नेहरू कहा जाता था। राजनारायण कौल का आशियाना भी नहर के किनारे ही था। लिहाजा आने वाली पीढ़ियों ने नेहरू उपनाम को स्वीकार कर लिया। यहां तक कि पंडित नेहरू के दादा का नाम भी गंगाधर कौल नेहरू था।
कौन थे पंडित नेहरू?
हालांकि पंडित नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू ने कौल शब्द अपने नाम से हटा दिया। लोग उन्हें सिर्फ मोतीलाल नेहरू के नाम से जानते थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी पिता की विरासत को जिंदा रखते हुए नेहरू नाम को अपनी पहचान बना ली। कई लोग दावा करते हैं कि पंडित नेहरू मुसलमान थे। मगर ऐतिहासिक साक्ष्यों की मानें तो ना सिर्फ पंडित नेहरू के पूर्वज बल्कि खुद पंडित नेहरू भी कश्मीरी पंडित थे। पंडित नेहरू के बारे में विस्तार से जानने के लिए देखें यह वीडियो…
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