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Video: क्या है कुंभ का इतिहास और कब से हुई शुरुआत? जानें इसका धार्मिक महत्व

Maha Kumbh 2025: हर 12 साल में महाकुंभ मेला क्यों होता है? इसका जवाब जुड़ा है भारतीय संस्कृति और पुराणों की अद्भुत कहानियों से। यह मेला धार्मिक आस्था, आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक धरोहर का संगम है। इस वीडियो में जानें कुम्भ मेले का इतिहास, उसकी परंपरा और इसके पीछे छिपा गहरा धार्मिक महत्व।

Edited By : Ashutosh Ojha | Updated: Jan 13, 2025 19:31
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Maha Kumbh Mela 2025

Maha Kumbh 2025: कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि यह मानवता, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत संगम है। हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होने वाला यह मेला भारत की संस्कृति और अध्यात्म का प्रतीक है। कुंभ का आयोजन समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है, जहां अमृत कलश की बूंदें इन स्थानों पर गिरीं। यहां स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ का आयोजन खगोलीय घटनाओं के अनुसार होता है, जो इसे विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनाता है।

12 साल बाद ही क्यों लगता है महाकुंभ

महाकुंभ मेला हर 12 साल में इसलिए लगता है क्योंकि यह समुद्र मंथन की पौराणिक कथा और ज्योतिषीय गणनाओं से जुड़ा है। मान्यता है कि अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिनों तक युद्ध हुआ, जो पृथ्वी के समय के अनुसार 12 साल के बराबर माना गया। इस दौरान अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी की चार जगहों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन्हीं पवित्र स्थलों पर हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है। ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति के कुंभ राशि में और सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के समय ही यह मेला आयोजित किया जाता है, जिससे इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व और बढ़ जाता है।

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आध्यात्म और मानवता का महापर्व

कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जनसमूह है, जहां लाखों श्रद्धालु, साधु-संत, अखाड़ों के महंत और विदेशी पर्यटक शामिल होते हैं। यह आयोजन भारतीय कला, योग, आयुर्वेद और आध्यात्म का भव्य प्रदर्शन है। यहां स्नान आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का अवसर प्रदान करता है। कुंभ में ध्यान और साधना से आत्मिक शांति प्राप्त होती है और पवित्र स्नान से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह मेला न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता है, बल्कि विदेशियों को भारतीय संस्कृति की गहराई से परिचित कराता है। कुंभ मेला मानवता, भक्ति और प्रेम का अनूठा अनुभव है।

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HISTORY

Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Jan 13, 2025 02:49 PM

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