Ketu ka Asar: केतु को ज्योतिष में एक छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है, जिसका भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अदृश्य रूप से होता है। यह रहस्यमय और अज्ञात शक्ति का प्रतीक है, जिसके प्रभाव को समझना मुश्किल है और इसकी अनिश्चितता लोगों को डराने का कारण बनती है। दूसरी और, केतु का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में भ्रम, मानसिक तनाव, अप्रत्याशित घटनाएं और नुकसान लाता है। लोग इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य, करियर और संबंधों में समस्याओं का सामना करते हैं, जिससे डर बढ़ता है।
सिर और मस्तिष्क के कष्ट और विकार का कारण है केतु
केतु को मंगल ग्रह के समान माना गया है। यह ग्रह भी मंगल जैसे ही बली और उग्र होते हैं। केतु की महादशा भी मंगल की तरह 7 साल की होती है। साल 2025 मंगल ग्रह का साल बताया जा रहा है। इस साल यानी 2025 में केतु का किस पर क्या असर होगा, किसको फेवर करेंगे और किसको परेशान? बता दें कि केतु ग्रह का केवल धड़ होता है, यह सिर-विहीन ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मनुष्य के गर्दन से ऊपर यानी सिर और मस्तिष्क से जुड़ी जितनी भी परेशानियां हैं, वे सब केतु के वजह से हुई मानी जाती हैं। यह ग्रह बुद्धि और विवेक को भ्रमित करता है।
छाया ग्रह केतु से क्यों लगता है डर?
ज्योतिष शास्त्र में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, खासतौर पर सिरदर्द या माइग्रेन का कारण केतु को माना गया है। यदि कुंडली में चंद्रमा बलवान या सही नहीं है और केतु के साथ है, केतु की दशा और अन्तर्दशा में जातक विक्षिप्त या पागल भी हो जाता है। वहीं जब मंगल दूषित होते हैं और केतु के असर में होते हैं, सिर में चोट, हैमरेज आदि होने की आशंका रहती है। इन सब कारणों से केतु ग्रह से डर लगता है। यदि आप यह जानना चाहते हैं कि साल 2025 में केतु क्या-क्या कर सकते हैं और क्या-क्या उपाय करने से केतु से शांति मिलेगी, तो आपको यह वीडियो जरुर देखना चाहिए।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।