Video: Ketu Effects in Kundli: नवग्रहों में से एक केतु ग्रह जिसे छाया ग्रह माना जाता है। इस ग्रu का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना शुभ और अशुभ प्रभावों के साथ रहता है। ये ग्रह जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित होता है। पंडित सुरेश पांडेय के अनुसार केतु ग्रह का कुंडली के अलग-अलग भाव में विराजमान होना, विभिन्न तरह के प्रभावों को दर्शाता है। व्यक्ति की कुंडली में किस भाव पर केतु विराजमान हैं, इसकी स्थिति जानकर व्यक्ति उन प्रभाव को जानकर उपाय अपना सकता है।
केतु किसी की भी कुंडली में जिस भाव में स्थित होता है, उस व्यक्ति को उस भाव के स्वामी के अनुरूप केतु से फल मिलता है। केतु ग्रह का जन्म कुंडली में प्रभाव 7 ग्रहों की युति और दृष्टि पर निर्भर है। चंद्र ग्रह, सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह, बुध ग्रह, गुरु ग्रह, शुक्र ग्रह और शनि ग्रह के हिसाब से केतु का प्रभाव देखने को मिल सकता है। पंडित सुरेश पांडेय ने कुंडली में केतु का 10वें भाव में स्थित होने पर प्रभाव के बारे में बताया है। वीडियो के माध्यम से आप जान सकते हैं कि जन्म कुंडली में 10वें भाव में केतु स्थित होना किन प्रभावों के साथ रहता है? ऐसी कुंडली वालों को कौन से 3 काम नहीं करने चाहिए? साथ ही कौन से उपाय लाभकारी साबित हो सकते हैं? आइए वीडियो के जरिए जानते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।