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क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार? जिसके लिए चुने गए गुलजार और रामभद्राचार्य

58th Jnanpith Award 2023 : 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए इस बार गीतकार गुलजार और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को चुना गया है। इससे पहले दोनों को कई पुस्कार मिल चुके हैं। उर्दू भाषा में योगदान के लिए गुलजार को यह सम्मान दिया जा रहा है, जबकि संस्कृत भाषा में योगदान के लिए स्वामी रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Feb 17, 2024 19:28
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ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुने गए स्वामी रामभद्राचार्य और गीतकार गुलजार।

58th Jnanpith Award : गीतकार एवं कवि गुलजार और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा की। इसके तहत स्वामी रामभद्राचार्य को संस्कृत के लिए और गुलजार को उर्दू के लिए यह अवॉर्ड दिया गया है। गुलजार अपनी रचना के लिए पूरी दुनिया में फेमस हैं। वे अपनी गीत और फिल्मों को लेकर पहचाने जाते हैं। उन्हें उर्दू भाषा के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिसमें साहित्य अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण पुरस्कार शामिल हैं। वहीं, जगद्गुरु रामभद्राचार्य को कई भाषाएं आती हैं, लेकिन वे संस्कृत भाषा के ज्ञाता माने जाते हैं। वे अलग-अलग भाषाओं में 100 से अधिक किताबें लिख चुके हैं। वे भी पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं।

क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार

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देश में ज्ञानपीठ पुरस्कार से ऐसे लोग सम्मानित होते हैं, जिनका साहित्य के क्षेत्र में अहम योगदान रहता है। यह सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। भारतीय ज्ञानपीठ न्याय की ओर से पहली बार 1965 में यह पुरस्कार दिया गया था। उस वक्त मलयालम कवि जी शंकर कुरुप को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था। कविता संग्रह ओडक्कुझल के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया था। इस पुरस्कार के लिए चुने लोगों को प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और 11 लाख रुपये दिए जाते हैं।

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HISTORY

Written By

Deepak Pandey

First published on: Feb 17, 2024 06:44 PM

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