ED-CBI Misuse Effect: महाराष्ट्र,हरियाणा और झारखंड में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सियासी दल अभी से ही जोड़-तोड़ की गणित में लगे हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कम सीटें आने के बाद पार्टी नए सिरे विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। इस बीच जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को कल जमानत मिल गई। ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या आदिवासी की नाराजगी बीजेपी को एक बार फिर महाराष्ट्र में झेलनी पड़ेगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रदेश की सभी 5 रिजर्व सीटें हार गई थी। ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई इस चुनाव में विपक्षी नेताओं को सिम्पैथी वोट दिला पाएगी।
महाराष्ट्र में भी कुल ऐसा ही हाल है। 288 सीटों वाली विधानसभा में अगर लोकसभा के नतीजे देखें तो यहां महाअघाड़ी को 30 सीटें मिली। यही नतीजे आंकड़ों में बदलते हैं तो महाअघाड़ी को चुनाव में 155 सीटें मिलती दिख रही है। यहां भी दो पार्टियों के बंटवारे और एनसीपी के एनडीए में शामिल होना लोगों को नागवार गुजरा और लोकसभा चुनाव में लोगों ने जमकर इंडिया के पक्ष में वोटिंग की। ऐसे में न्यूज 24 के वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन से समझते हैं क्या केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का नतीजों पर क्या असर पड़ेगा?