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इंग्लैंड में पिता के War Medal की कीमत जानकर खूब रोया बेटा, पूरा मामला जानकर आप भी करेंगे गर्व

Sikh Son Left in Tears After Learning War Medal Worth Of His Soldier Father in UK: वैसे तो सैनिकों को मिले मेडल की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती है। वह अनमोल है। लेकिन इंग्लैंड की धरती पर एक सिख बेटे के साथ कुछ ऐसा हुआ जो चौंकाने वाला था। एंटीक आइटम रोड शो में […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Sep 18, 2023 17:07
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World War Two

Sikh Son Left in Tears After Learning War Medal Worth Of His Soldier Father in UK: वैसे तो सैनिकों को मिले मेडल की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती है। वह अनमोल है। लेकिन इंग्लैंड की धरती पर एक सिख बेटे के साथ कुछ ऐसा हुआ जो चौंकाने वाला था। एंटीक आइटम रोड शो में बेटे को जब पता चला कि द्वितीय विश्व युद्ध में उसके पिता को युद्ध पदक मिला था, उसकी कीमत £250,000 (ढाई करोड़ रुपए से अधिक) है तो वह भावुक हो गया। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।

बर्मा में लड़ा था द्वितीय विश्व युद्ध

द मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, सिख परिवार ने ग्लासगो में एंटीक आइटम एक्सर्ट्स को बताया कि उनके पिता ज्ञान सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा (अब म्यांमार) में लड़ाई लड़ी थी। लेकिन उनकी बहादुरी के बारे में इससे ज्यादा जानकारी नहीं थी।

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उन्होंने बीबीसी शो के विशेषज्ञ मार्क स्मिथ को बताया कि मेरे पिता ने कभी भी हमसे युद्ध के बारे में बात नहीं की। जब भी बात करने की कोशिश करते तो भावुक हो जाते थे। जाहिर है उन्होंने उस लड़ाई में अपने कई दोस्तों को खो दिया।

नायक को मिला था रानी विटोरिया क्रॉस मेडल

मार्क ने खुलासा किया कि उन्हें एक किताब मिली है, जिसमें बताया गया है कि नाइक को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था, जो बहादुरी के लिए ग्रेट ब्रिटेन का सर्वोच्च पुरस्कार है। मार्क ने उनसे कहा कि नायक ज्ञान सिंह ने अपनी बंदूक से फायर करते हुए और हथगोले फेंकते हुए बर्मा में जापानियों के खिलाफ दो लड़ाइयां लड़ी थीं। नायक ज्ञान सिंह युद्ध में घायल हुए, लेकिन उन्होंने अपने घावों की परवाह न करते हुए जापानी एंटी-टैंक गन क्रू को नष्ट कर दिया और हथियार को अकेले ही अपने कब्जे में ले लिया। फिर उन्होंने दुश्मन के सभी ठिकानों को बर्बाद कर दिया।

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नायक ज्ञान सिंह को रानी विक्टोरिया क्रॉस पदक मिला था। इसे पहली बार 1856 में रानी विक्टोरिया द्वारा बहादुरी के पदक के रूप में लाया गया था और तब से करीब 1,400 को यह पदक दिया गया है।

कितनी भी कीमत लगे, नहीं बेचेंगे

सिख परिवार ने कहा कि वह पदक कभी नहीं बेचेंगे, क्योंकि यह उनके दिवंगत पिता के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। भले ही इसकी कीमत दो मिलियन, 10 मिलियन हो, हम इसे अलग नहीं करेंगे।

संग्रहालय में रहेगा तो दुनिया जानेगी पिता की वीरता

नायक ज्ञान सिंह के बेटे से पूछा गया कि यह जानकर कैसा लगा कि उनके पिता के युद्ध पदक का मूल्य कितना है? उन्होंने उत्तर दिया कि यह आश्चर्यजनक है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इसका मूल्य इतना होगा। मैं वास्तव में आंसू में था, मैं रो रहा था। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार मिलकर निर्णय लेगा कि मेडल संग्रहालय में होना चाहिए ताकि लोग देख सकें और मेरे पिता ने द्वितीय विश्व युद्ध में जो किया उसकी सराहना करते हैं।

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HISTORY

Edited By

Bhola Sharma

First published on: Sep 18, 2023 05:07 PM

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