Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले गांव में रहने वाला एक सामान्य व्यक्ति भी अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजना उचित समझता था, लेकिन अब प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने अथक मेहनत और परिश्रम से परिषदीय स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर खड़ा किया है। सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का विश्वास पैदा हुआ है। इसी का नतीजा है कि इस बार रिकॉर्ड 1.19 करोड़ नामांकन हुए हैं। इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीबीटी योजना के तहत बच्चों के अभिभावकों के खातों में 1200 रुपये ट्रांसफर किए।
स्वच्छता पर प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान सम्मानित
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं। यहां सीएम योगी ने सर्वोच्च स्वच्छता वाले परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने परिषदीय स्कूलों के पढ़ने वाले 1.91 करोड़ बच्चों के खाते में डीबीटी का पैसा ट्रांसफर करके स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की। इस दौरान सीएम ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रयासों की तारीफ की।
गांव का एक सामान्य व्यक्ति भी अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजना उचित समझता था।
लेकिन विगत 05 वर्षों में विभाग द्वारा की गई कड़ी मेहनत से बेसिक शिक्षा परिषद विश्वास का प्रतीक बना है।
---विज्ञापन---विद्यार्थियों की संख्या को 1.34 करोड़ से 1.91 करोड़ तक पहुंचाया है: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/ZyLVUFgBMX
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 1, 2022
वर्ष 2017 से पहले खराब ती स्कूलों की हालत
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति काफी खराब थी। इमारतों से लेकर बच्ची की उपस्थिति तक पटरी से उतरी हुई थी। स्कूलों में कहीं शिक्षक नहीं होते थे तो कहीं बच्चे नहीं होते थे। लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने का नाम पर घबराते थे, लेकिन आज बेसिक शिक्षा विभाग ने अथक प्रयासों से विश्वास पैदा किया है। उन्होंने बताया कि पांच वर्षों में इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 1.34 करोड़ से बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है।
अब नंगे पैर स्कूल नहीं जाते बच्चे
उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में आधे से ज्यादा बच्चे नंगे पैर स्कूल जाते थे। बच्चों को तकलीफों से गुजरना पड़ता था। इसके लिए हमारी सरकार ने बच्चों के लिए डीबीटी योजना शुरू की। इसलिए प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों के खाते में जूता-मोजा, स्कूल यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, पेन, पेंसिल, कॉपी समेत अन्य पाठ्यसामग्री के लिए 1200 रुपये भेजे जा रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों पर बड़ी जिम्मेदारी है।