नोएडा से मोहम्मद यूसुफ की रिपोर्ट
‘कहते हैं-कोयले की दलाली में मुंह काला’। यह कहावत हर बार ऐसी ही नहीं रहती। किस्मत बड़ी अटपटी चीज है, कभी भी पलट सकती है। वक्त आने पर कोयले की दलाली करना या कोयले की खान में काम करना घाटे का नहीं, बल्कि बहुत फायदे का सौदा साबित हो जाता है। न्यू ओखला इंडस्ट्रियलिस्ट डेवलपमैंट ऑथोरिटी (NOIDA) के एक दंपति के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इन्हें पन्ना की खान में अब तक तीन हीरे मिल चुके हैं।
- मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में गांव जरवारपुर खदान लीज पर ले रखी है नोएडा के सेक्टर-48 में रहने वाले राणा प्रताप सिंह चौहान और उनकी पत्नी मीना देवी ने
- खदान से अब तक मिल चुके 3 हीरे, हाल ही में मिले 8.01 कैरेट के एक हीरे की कीमत लगभग 50 लाख रुपए
ये है पूरा मामला
दरअसल, नोएडा के सेक्टर-48 में रहने वाले राणा प्रताप सिंह चौहान और उनकी पत्नी मीना देवी ने मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के जरवारपुर गांव में मध्यप्रदेश सरकार से खदान लीज पर ली हुई है। इसी खदान में लगातार खुदाई का काम चल रहा है। इसमें ये 8.01 कैरेट का हीरा निकला है। इस हीरे की कीमत करीब 50 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है। राणा के मुताबिक, इससे पहले इसी खदान से वर्ष 2021 में 4.5 कैरेट का हीरा और वर्ष 2022 में 9.64 कैरेट का हीरा निकला था और अब 2023 में 8.01 कैरेट का हीरा मिला है।
हीरे पर मालिकाना हक किसका?
हीरे पर मालिकाना हक की बात करे तो, खुदाई के दौरान निकले गए इन तीनों हीरों का सरकारी नियम के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार नीलामी करेगी। खदान एक्ट के मुताबिक, नीलामी से मिलने वाला 12.5% सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा और बाकी 87.5% खदान लीज होल्डर को मिलेगा। इस हिसाब से देखा जाए तो तीनों हीरो की कीमत मिलाकर करोड़ों के पार है, अब नोएडा के राणा परिवार को इन तीन हीरो ने करोड़पति बना दिया है।
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खदान में हो सकता है और भी खजाना
मध्य प्रदेश का इतिहास यह बताता है कि यहां की धरती पर राजाओं का इतिहास रहा है, जिससे पन्ना जिले में भी उनके खजाने होने के प्रमाण कई बार मिले हैं।