Indian Army Commando Viral Video : भारत में कई तरह की फोर्स हैं, जैसे CRPF, BSF, इंडियन आर्मी! इनमें से कुछ स्पेशल कमांडो की ट्रेनिंग लेते हैं। कहा जाता है कि कमांडो बनने की ट्रेनिंग बहुत मुश्किल और कठोर होती है। इन लोगों को कई दिनों तक मुश्किल और खतरनाक जगहों पर रहना पड़ता है, जहां खाना-पानी भी मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इन्हें अपनी जान कैसी बचानी है, इसकी भी खास ट्रेनिंग दी जाती है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भारतीय सेना की ड्रेस पहने जवान दिखाई दे रहे हैं। इनमें एक जवान एक सांप को पकड़ा हुआ है, वह सांप का मुंह को एक लकड़ी पर रखता है और उसे काट देता है। जैसे ही सांप का मुंह शरीर से अलग हुआ और खून निकलना शुरू हुआ, आर्मी के जवान ने सांप के खून को पीना शुरू कर दिया।
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सांप को पकड़ा शख्स थोड़ा डरा हुआ है, एक बार तो वह सांप पर ठीक से वार ही नहीं कर पाया। इसके बाद पास खड़े अन्य जवान ने उसकी मदद की और फिर ये जवान सांप को काटकर उसका खून पी गया। अब यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग जवानों को सैल्यूट कर रहे हैं कि वह देश की रक्षा करने के लिए किन-किन परिस्थितियों का सामना करते हैं।
🚨🪖🇮🇳 Viewers Discretion Advised
---विज्ञापन---📍Welcome To The Devil’s World Of Commando Training School – Belgaum / Belagavi
📍 In the video, our soldiers can be seen chopping off the head of the snake and consuming its blood.
📍With pride, I can say that this is the 🪖 contonement… pic.twitter.com/RUipyRxijj
— OsintTV 📺 (@OsintTV) August 10, 2024
कोबरा गोल्ड अभ्यास के दौरान भी पिलाया जाता है सांप का खून
आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व की सेनाओं के जवानों को सांप का खून पिलाया जाता है, इतना ही उन्हें जिंदा मांस खाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास के रूप में 1982 में कोबरा गोल्ड अभ्यास की शुरुआत हुई थी। यह सबसे खतरनाक ट्रेंनिंग में से एक हैं। अब इसमें सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया सहित अन्य कई देशों के सैनिक शामिल हो गए हैं।
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बताया जाता है कि अमेरिका के मरीन कमांडो भी सांप का खून पीते हैं, उन्हें जंगल में जिंदा रहने की ट्रेनिंग के दौरान भोजन न मिलने पर कच्चा मांस खाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। इतना ही नहीं,ट्रेनिंग के दौरान मुर्गा, छिपकली और भी कई जंगली जानवरों को मारकर कच्चा ही खाना पड़ता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानवरों के संरक्षण का काम करने वाली इंटरनेशनल संस्था पेटा आपत्ति भी जता चुकी है।