---विज्ञापन---

टैक्सी ड्राइवर के बेटे ने UPSC में गाड़े झंडे, शिवम ने बिना कोचिंग हासिल की 457वीं रैंक

UPSC Success story: कहते हैं सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। जो मेहनत करता है, उसे सफलता जरूर मिलती है। कुछ ऐसी ही कहानी है हरियाणा के एक लड़के की। जिसके पति को आर्थिक तंगी के चलते अपनी टैक्सी भी बेचनी पड़ गई। लेकिन बेटा निरंतर मेहनत करता रहा। जिसके बाद अब यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 19, 2024 11:12
Share :
shivam
शिवम ने यूपीएससी में पाई सफलता।

UPSC Civil Service Result: हरियाणा के रेवाड़ी शहर का रहने वाला शिवम आज सबकी नजरों में है। शहर के गुलाबी बाग निवासी शिवम ने यूपीएससी की परीक्षा में 457वीं रैंक हासिल कर बता दिया है कि वह किसी से कम नहीं है। शिवम मूल रूप से गांव नांगल से हैं, जो दिल्ली में रहकर अपनी तैयारी कर रहे थे। दूसरे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की है। जैसे ही परिजनों को शिवम की सफलता का पता लगा, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शिवम के पति हरदयाल पेशे से टैक्सी ड्राइवर हैं। 2 साल पहले उनकी गाड़ी बिक गई थी। क्योंकि रेवाड़ी को एनसीआर में शामिल किया गया है, जिसके तहत यहां 10 साल से पुराना वाहन नहीं चला सकते हैं। परिवार को आजीविका का इकलौता साधन बिकने के चलते दिक्कतें उठानी पड़ीं।

---विज्ञापन---

दो बहनें करती हैं सरकारी नौकरी

उनके पिता 10वीं पास भी नहीं हैं। फिर भी हरदयाल कहते हैं कि शिक्षा की कीमत क्या है, ये उनको अच्छे से पता है। बच्चों को शिक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शिवम की मां कमलेश एमए पास हैं। वे हाउस वाइफ हैं और बच्चों को कोचिंग देती हैं। बेटे की सफलता पर वे खुश हैं। शिवम की बड़ी दो बहनें हैं। एक हरियाणा में सरकारी टीचर और दूसरी केवीएस में लेक्चरर हैं। कमलेश मानती हैं कि उनके बेटे ने जिले का नाम रोशन किया है।

यह भी पढ़ें:इंटरव्यू से पहले कैंसर से गई मां की जान, नहीं डगमगाए कदम; UPSC में सेकेंड रैंक लेकर ही माने अनिमेष प्रधान

---विज्ञापन---

शिवम ने यूपीएससी अपने दम पर बिना किसी कोचिंग क्लीयर की है। बेटे ने दिल्ली में लाइब्रेरी ज्वाइन कर रखी थी। वहीं जाकर मेहनत करता था। शिवम शुरू से ही होशियार रहे हैं। उनको बचपन से किताबों का शौक रहा है। उनकी शुरुआती पढ़ाई नवोदय स्कूल नैचाना से हुई है।

दिल्ली में रेंट पर रूम लेकर की तैयारी

शिवम 12वीं में नॉन मेडिकल में जयपुर विजन से टॉपर रहे हैं। बीटेक आईआईटी गुवाहाटी से करने के बाद दो साल सिविल इंजीनियर के तौर पर पुणे की प्राइवेट कंपनी में भी काम किया है। लेकिन अफसर बनने के लिए नौकरी को अलविदा कह दिया था। जिसके बाद दिल्ली में रेंट पर रूम लेकर तैयारी शुरू की। रोज 12 घंटे तक पढ़े। शिवम ने बताया कि इतनी रैंक से वे आईएएस तो नहीं बन सकेंगे, लेकिन अच्छी सीढ़ी उनको मिल चुकी है। यूपीएससी का सपना उन्होंने आईआईटी के इंटरव्यू के दौरान देखा था। अभी मेहनत जारी रखेंगे, आईएएस बनकर रहेंगे।

 

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Apr 19, 2024 11:12 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें