नई दिल्ली: टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी शुक्रवार को 42 साल के हो गए। धोनी के जन्मदिन पर यूं तो करोड़ों बधाईं मिलीं, लेकिन उनमें से कुछ खास रहीं। इन्हीं में से एक टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की भी रही। अश्विन ने हालांकि थोड़ा लेट विश किया, लेकिन उन्होंने अपने ट्वीट से महफिल लूट ली।
जन्मदिन मुबारक हो माही भाई
अश्विन ने ट्वीट कर कहा- 7 जुलाई को किसी महापुरुष को जन्मदिन की शुभकामनाएं दिए बिना ट्वीट करना कष्टकारी साबित हो सकता है। जन्मदिन मुबारक हो माही भाई।
Tweeting on July 7th without wishing the great man a happy birthday can prove to be catastrophic. 😂😂Happy birthday Mahi bhai. #disclaimer this will be my last birthday wish on Twitter for anyone. I believe I will stick to wishing them directly or call them.
The disclaimer…
---विज्ञापन---— Ashwin 🇮🇳 (@ashwinravi99) July 7, 2023
ट्वीट के साथ डाला डिस्क्लेमर
अश्विन ने इस ट्वीट के साथ डिस्क्लेमर भी डाला। उन्होंने लिखा- यह ट्विटर पर किसी के लिए मेरी आखिरी जन्मदिन की शुभकामना होगी। मेरा मानना है कि मैं उन्हें सीधे शुभकामनाएं दे सकता हूं या कॉल कर सकता हूं। अश्विन ने मजाकिया अंदाज में आगे लिखा- यह डिस्क्लेमर सभी गपशप फैलाने वालों और कहानी सुनाने वालों के लिए था। अश्विन के इस ट्वीट पर मजेदार कमेंट सामने आए हैं। यूजर्स का कहना है कि अश्विन को सोशल मीडिया के जरिए एमएस धोनी को विश करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अश्विन ने कहा था- धोनी अलग थे
अश्विन एमएस धोनी की कप्तानी में बेहद सफल साबित हुए थे। उन्होंने टेस्ट में 22 मैचों की 40 ईनिंग में 109 विकेट चटकाए। वनडे की बात करें तो धोनी की कप्तानी में उन्होंने 78 मैचों में 105 विकेट निकाले। जबकि टी-20 के 42 मैचों में 49 विकेट चटकाए। धोनी और अश्विन की दोस्ती जगजाहिर है। हाल ही अश्विन ने WTC Final में मौका न देने के बाद एक इंटरव्यू में कहा था कि धोनी अलग तरह के कप्तान थे।
अश्विन ने खिलाड़ी के मन में ‘सुरक्षा की भावना’ पैदा करने के महत्व पर बात की। उन्होंने कहा- ‘मुझे प्रशंसकों से सहानुभूति है, लेकिन कोई खिलाड़ी रातों-रात नहीं बदलता। हममें से बहुत से लोग एमएस धोनी के नेतृत्व के बारे में बात करते हैं। उन्होंने चीजों को काफी सरल रखा। मैंने माही की कप्तानी में कई साल खेला। वह 15 की एक टीम चुनते थे। फिर उन्हीं 15 को अगले स्क्वॉड में में भी मौका देते थे। उनकी एक ही प्लेइंग इलेवन सालभर खेलती थी। एक खिलाड़ी के लिए सुरक्षा की भावना बहुत महत्वपूर्ण है।