नई दिल्ली: भारत ने बीते दिन 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न मनाया। वहीं, इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को देशवासियों की तरफ से व्यापक बल मिला। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने कहा कि इस वर्ष 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय झंडों की बिक्री हुई। इससे राजस्व में 500 करोड़ का व्यापार किया गया।
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पिछले 15 दिनों के दौरान देश भर में 3000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें लगभग सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हुए।
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व्यापार जगत के लोगों ने कहा कि हर घर तिरंगा आंदोलन ने भारतीय व्यापारियों की क्षमताओं को दिखाया। लोगों की मांग को पूरा करने के लिए रिकॉर्ड 20 दिनों में 30 करोड़ से अधिक तिरंगे का उत्पादन किया गया। रैलियों, मार्चों, मशाल जुलूसों, तिरंगा गौरव यात्रा, साथ ही खुली बैठकों और सम्मेलनों सहित बड़े पैमाने पर तिरंगा का इस्तेमाल हुआ।
पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडों के निर्माण की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ध्वज संहिता में संशोधन ने भी उत्पादन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पहले, भारतीय तिरंगा बनाने के लिए केवल खादी या कपास का उपयोग किया जा सकता था। देश में 10 लाख से अधिक लोगों के पास अब झंडा कानून सुधार के कारण नौकरी है क्योंकि वे अब घर पर ही तिरंगा झंडे बना सकते हैं।
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