Bengaluru School Fee Hike: बेंगलुरु में प्राइवेट स्कूलों की फीस में बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों का विरोध तेज हो गया है। इस मुद्दे को हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से शेयर किया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पोस्ट में तीसरी क्लास की फीस के बारे में बताया गया है, जो 2.1 लाख रुपये है। आइए इस पोस्ट के बारे में जानते हैं।
वायरल हो रहा पोस्ट
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट सामने आया है, जिसे वॉयस ऑफ पेरेंट्स एसोसिएशन ने शेयर किया है। इस पोस्ट में तीसरी कक्षा की फीस के बारे में बताया गया है, जो 2.1 लाख रुपये है। पोस्ट में लिखा है कि बेंगलुरु में तीसरी कक्षा के लिए 2.1 लाख रुपये फीस है। कोई भी महंगाई इस फीस को उचित नहीं ठहरा सकती। सरकार इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस को कंट्रोल करती है, लेकिन स्कूल फीस के मुद्दे से बचती है। स्कूल बिजनेस जैसा कोई व्यवसाय नहीं है।
2.1 lakhs fees for 3rd standard in Bengaluru
---विज्ञापन---No amount of inflation can justify the rise in school fees.
Govt can regulate engineering college fees but dare touch school fees topic. Such is fear schools have created
There is no business like school business. pic.twitter.com/NotIZjf2UG
— Voice Of Parents Association ® (@VoiceOfParents2) January 23, 2025
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध
वॉयस ऑफ पेरेंट्स एसोसिएशन इसके खिलाफ विरोध कर रहा है, जिसमें शिक्षा को बिजनेस में बदलने और मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इस ग्रुप ने संविधान के अनुच्छेद 29, 30 और 19(1)(G) के तहत स्कूलों के मैनेजमेंट और ऑपरेशन के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि स्कूल मैनेजमेंट को अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं है।
संघ ने सरकार से अपील की कि वह कड़े नियम लागू करे, फीस निर्धारण समितियों का गठन करे और ट्रांसपेरेंट मॉनिटरिंग करे, ताकि स्कूल इस तरह की गलत प्रैक्टिस को बंद करें।
सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएं
वायरल पोस्ट ने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर एक बड़ी बहस शुरू कर दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने अपनी राय साझा की। एक यूजर ने लिखा कि अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर वाले स्कूल चलाना महंगा है। फीस पर रोक लगाने से गलत प्रभाव हो सकते हैं। सबसे अच्छा समाधान अच्छे सरकारी स्कूल खोलना है। एक अन्य यूजर ने कहा कि विशेषाधिकार वाले लोग सरकारी स्कूलों को चुनेंगे, तो उनका स्ट्रक्चर खुद ही बेहतर होगा। सभी के लिए मुफ्त और अच्छी शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
वहीं कुछ यूजर्स ने प्रीमियम इंटरनेशनल करिकुलम को ज्यादा फीस का कारण बताया। एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि व्हाइटफील्ड और सरजापुर के कई स्कूल इसी तरह की फीस लेते हैं और इसके लिए कैम्ब्रिज/आईबी करिकुलम और छोटे क्लास साइज का हवाला देते हैं।
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