Anant Ambani Radhika Kanyadaan Video: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेन्ट की शादी कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है। कई लोग उनके लाइफस्टाइल की बात कर रहे हैं। तो कई इंटरनेशनल मीडिया इसको सबसे महंगी शादी बता रहे हैं। ऐसे में अब नीता अम्बानी का एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नीता अंबानी कन्यादान के बारे में समझाती नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कन्यादान, जिसका अर्थ है ‘बेटी को विदा करना’, हिंदू शादियों में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें दुल्हन के माता-पिता उसका हाथ दूल्हे को देते हैं, जो दो परिवारों के मिलन का प्रतीक है।
हालांकि, नीता अंबानी ने बताया कि वो खुद एक बेटी, एक बेटी की मां और सास हैं। तो वह ये अच्छे से समझती हैं कि माता-पिता अपनी बेटियों को कभी नहीं छोड़ सकते। वह आगे बताती हैं कि बेटियां जीवन का सबसे अनमोल उपहार होती हैं, इसलिए उन्हें संजो कर रखना चाहिए न कि दान देना चाहिए।
यहाँ देखें वीडियो ?
#WATCH | Chairperson of Reliance Foundation Nita Ambani explains the broader significance of Kanyadaan as a union where two families come together, one gaining a son and the other a daughter.
---विज्ञापन---Speaking just before the Kanyadaan ceremony during Anant and Radhika’s wedding, she… pic.twitter.com/pgnfpTNvY4
— ANI (@ANI) July 16, 2024
नीता अंबानी ने क्या कहा ?
अंबानी आगे बताती हैं कि कन्यादान एक साधारण परंपरा से कहीं बढ़कर है। यह दो परिवारों के एक साथ आगे के संबंधों का भी प्रतीक माना जाता है। इस मिलन में एक परिवार को एक बेटा मिलता है और दूसरे को एक बेटी। प्यार और सम्मान का यह पारस्परिक आदान-प्रदान दोनों परिवारों के बीच एक गहरा बंधन बनाता है, जो एक नए परिवार की शुरुआत को चिह्नित करता है।
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नीता अंबानी ने हिंदू संस्कृति के लिए क्या कहा ?
अंबानी ने इस अवसर पर हिंदू संस्कृति में बेटियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बेटियों को प्यार, खुशी और ताकत देने के लिए उनका सम्मान किया जाता है। बेटियों के महत्व को पहचानते हुए कन्यादान की परंपरा हिंदू संस्कृति में महिलाओं के लिए सम्मान और प्रशंसा को अंडरलाइन करती है।
कन्यादान समारोह प्रेम, सम्मान और एकता का एक कालातीत प्रतीक है। यह हमें परिवार के महत्व और विवाह द्वारा लाई जाने वाली भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के सुंदर आदान-प्रदान की याद दिलाता है। कन्यादान मनाकर, परिवार न केवल अपनी बेटियों का सम्मान करते हैं बल्कि खुले दिल और दिमाग से भविष्य को भी अपनाते हैं।