Mukhtar Ansari Yogi Adityanath : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है। बांदा की जेल में तबियत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की तरफ से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई है। वहीं मुख्तार की मौत के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसी बीच सोशल मीडिया पर सीएम योगी का एक पुराना वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है।
माफियाओं पर क्या बोले थे सीएम योगी ?
सत्ता में आने के बाद से ही सीएम योगी के निशाने पर माफिया, डॉन और गैंगस्टर हैं। कई बार सीएम योगी अपराधियों को अपराध छोड़ने या प्रदेश छोड़ने की चेतावनी दे चुके हैं। विधान सभा में भी सीएम योगी माफियाओं को मिट्टी में मिला देने की बात कह चुके हैं। अब जब मुख्तार अंसारी की मौत हुई है तो सीएम का पुराना वीडियो वायरल है।
वायरल हो रहा वीडियो
वीडियो में सीएम योगी आदित्यनाथ विधानसभा में कह रहे हैं कि हाउस में कह रहा हूं। इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे… जितने माफिया हैं उनको मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे।” बता दें कि सीएम योगी ने यह बयान तब दिया था जब प्रयागराज में एक शूटआउट में एक वकील की हत्या की गई थी। दिन दहाड़े हुई हत्या से प्रदेश में सनसनी मच गई थी। इसको लेकर विपक्ष सदन में हंगामा कर रहा था, तभी सीएम योगी ने यह बयान दिया था।
फिर मैं कह रहा हूँ इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे….इसी हाउस में कह रहा हूँ मिट्टी में मिला देंगे—योगी आदित्य नाथ जी pic.twitter.com/d9iMpdUYkY
---विज्ञापन---— Shivam Tyagi (Modi Ka Parivar) (@ShivamSanghi12) March 28, 2024
हालांकि सीएम योगी का बयान सीधे अतीक अहमद की तरफ इशारा माना गया था, हालांकि माफिया और डॉन मुख्तार की मौत हुई है तो उनका यह बयान वायरल हो रहा है। वहीं मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जमकर राजनीति हो रही है। सवाल उठाया जा रहा है कि जब अंसारी ने दावा किया था कि उसके खाने में जहर मिलाया जा रहा है तो इसकी जांच क्यों नहीं हुई?
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मुख्तार की मौत के बाद एक तरफ कुछ लोग खुशी मना रहे हैं तो ऐसे लोग भी हैं जो कानून व्यवस्था और सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। जेल, थाने में बंद रहने के दौरान, कोर्ट या अस्पताल के जाते समय, झूठी मुठभेड़ और एक्सीडेंट दिखाकर कैदी की मौत सरकारों और न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।