MasterChef India Vikas Khanna had to face racism: मास्टरशेफ इंडिया विकास खन्ना ने अपनी काबिलियत से देश भर के लोगों के दिलों में स्थाई जगह बनाई है। हाल ही में एक पॉडकास्ट में, विकास ने अपने संघर्षों के अच्छे और बुरे पक्ष के बारे में खुलकर बात की। शेफ ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्हें नस्लवाद(racism), शारीरिक शोषण(physical torture) का सामना करना पड़ा था।
ऐसे शुरू हुआ संघर्ष
विकास खन्ना कहते हैं कि उनका अमृतसर में एक छोटा सा बिजनेस था, जिसे सरकार ने गैरकानूनी कहते हुए तोड़ दिया था, उस दिन के बाद वह बहुत डर गए थे। पॉडकास्ट में विकास कहते हैं मेरी मां, दादी और मैं इस छोटे से बिजनेस को संभालते थे और हमारा मेनू मुश्किल से 20 रुपये से 100 रुपये तक होता था।
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सड़कों पर ठेला लगाकर बेचे परांठे
मास्टरशेफ साल 2000 में अमेरिका गए थे, जहां उन्हें सर्वाइव करने के लिए फुटपाथ पर ठेला लगाकर पर खाना बेचना पड़ा और इस तरह उन्होंने कई रातें बिताई। उन्होंने बताया वहां नस्लवाद स्वाभाविक है, वे नहीं जानते कि मैं कौन हूं, और वे मुझे वहां पहली बार देख रहे थे।खन्ना ने दुनिया के महानतम शेफ, गॉर्डन रामसे से लेकर एरिक आर, डैनियल बाउलड से लेकर देश के सर्वश्रेष्ठ शेफ के निर्देशन में काम किया।
शेफ ने क्लीवर उठाकर काट दिया था हाथ
मास्टरशेफ उस दौरान आगरा में एक प्रशिक्षु के तौर पर काम कर रहे थे, एक शेफ के रूप में उनका काम तंदूर में रोटियां डालना था, उनकी उम्र करीब 17 साल थी। खन्ना बताते हैं कि एक दिन, एक महिला ने कुरकुरी रोटी मांगी, तो मैं उसकी रोटी पर ध्यान दे रहा था, जिस वजह से तंदूर में कई रोटियां जल गईं, मुझे ज्यादा अनुभव नहीं और ना ही कुछ जानता था। उस दिन एक शेफ ने मेरे सिर पर प्लेट दे मारी। खन्ना कहते हैं कि जिस रसोई में मैं पला-बढ़ा हूं, वहां मेरे साथ दुर्व्यवहार हुआ करता था। यहां तक कि अमेरिका में भी, मुझे रसोई में बहुत दुर्व्यवहार महसूस हुआ। अमेरिका में जब वह काम कर रहे थे तो एक शेफ ने क्लीवर उठाकर मेरा हाथ काट दिया। मैंने उससे कहा कि मैं पुलिस को इसकी सूचना दूंगा, और उसने कहा, कोई भी तुम पर विश्वास नहीं करेगा।