NDA Government History : नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। लगातार तीसरी बार NDA की सरकार बन रही है। साल 2014 में भाजपा को बहुमत मिला, 2019 में बीजेपी ने अकेले जादुई आंकड़ा पार कर लिया लेकिन साल 2024 में भाजपा को बहुमत नहीं मिला, और अब NDA के सहयोगी दलों का महत्व बढ़ गया है। ऐसा पहली बार है जब नरेंद्र मोदी BJP के बिना बहुमत मिले पीएम बनने जा रहे हैं। आइये जानते हैं कि कब कब देश में NDA की सरकार बनी और सरकार में सहयोगियों की हिस्सेदारी कितनी थी? अटल से लेकर मोदी तक का इतिहास!
NDA की पहली सरकार
देश में पहली बार NDA की सरकार 1996 में बनी थी। इस दौरान भाजपा के पास 161 सीटें थीं और बहुमत के लिए 111 सीटें कम थीं। जबकि सहयोगियों के पास 26 सीटें थीं। कई सहयोगियों के बाद शिवसेना को एक मंत्री पद मिला था जबकि कुल 14 मंत्री बने थे। यह सरकार मात्र 13 दिन में ही गिर गई थी।
दूसरी बार पीएम बने अटल जी
साल 1998 में फिर भाजपा के 182 सीटें थीं जो बहुमत से 90 सीट कम थी। AIDMK , शिवसेना और समता पार्टी के समर्थन से सीटों आंकड़ा 276 तक पहुंच गया और बहुमत मिल गया। इस दौरान 86 मंत्री बनाए गए थे और 26 मंत्री पद सहयोगी दलों के थे। 13 महीने बाद फिर यह सरकार गिर गई।
तीसरी बार सहयोगियों को लेकर सरकार बनाने में मिली कामयाबी
तीसरी बार अटल बिहारी वाजपायी ने 1999 में सरकार बनाई। इस दौरान भाजपा के पास 182 सीटें थीं लेकिन NDA के सहयोगियों की वजह से सीटों का आंकड़ा 296 तक पहुंच गया गया था। इस दौरान कुल 73 मंत्री बने और 18 मंत्री पद NDA के सहयोगी दलों को दिया गया था।
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अटल जी की सरकार के मंत्रिमंडल का रिकॉर्ड
अटल जी की पहली सरकार में एक मंत्री पद शिसवेना को, दूसरी सरकार में भाजपा बहुमत से 33 प्रतिशत सीटें कम थी और 29 प्रतिशत मंत्री पद सहयोगी दलों को मिला था। साल 1999 में बीजेपी बहुमत से 33 प्रतिशत सीटें दूर थी तो 25 प्रतिशत मंत्री पद सहयोगियों को मिला था।
क्या रहा है नरेंद्र मोदी सरकार का रिकॉर्ड!
साल 2014 में भाजपा को बहुमत मिला और भाजपा ने अकेले 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कुल 71 मंत्री बनाए गए थे लेकिन NDA के सहयोगियों को महज 5 मंत्री पद ही मिले थे। मतलब कुल 7 प्रतिशत मंत्री पद ही NDA के सहयोगी नेताओं को मिला था।
साल 2019 में सहयोगी को किया मंत्रालय से दूर!
साल 2019 में भाजपा की प्रचंड जीत हुई और अकेले बीजेपी ने 302 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस दौरान कुल 72 मंत्री बने थे लेकिन NDA के सहयोगियों के हिस्से में महज 3 मंत्री पद ही आए थे।
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इस बार क्या होगा?
2024 में भाजपा बहुमत ना मिलने से सहयोगी दल महत्वपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस बार मंत्रालय में NDA के सहयोगी दलों की संख्या बढ़ेगी? संभावना है कि सहयोगी दलों को महत्व दिया जाएगा और ये पहला मौका होगा जब नरेंद्र मोदी की सरकार में NDA के सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या सबसे अधिक हो सकती है।