Elephant Blocks Traffic: बांदीपुर-मुदुमलाई (कोलेगल-कोझिकोड) राजमार्ग पर शनिवार दोपहर को एक हथिनी के बच्चे की मौत हो गई थी। बेबी एलीफेंट पर बाघ ने हमला किया था। ये हाईवे चामराजनगर जिले में पड़ते बांदीपुर टाइगर रिजर्व से होकर गुजरता है। केक्कनहल्ला अंतरराज्यीय वन चेक-पोस्ट के पास बच्चे की मौत के बाद हथिनी बीच सड़क पर शव के साथ पूरा एक घंटा खड़ी रही। शव को छोड़ने से इन्कार करते हुए विलाप करती रही। दोनों और सैकड़ों वाहनों की कतारें लग गईं।
NH-181 passing thru @Bandipur_TR was temporarily closed after a mom- elephant was moarning the death of her calf that was attacked by tiger. @aranya_kfd later drove elephant, allowing traffic@NewIndianXpress @XpressBengaluru @KannadaPrabha @santwana99 @Cloudnirad @NHAI_Official pic.twitter.com/7Te3jEs5Pd
---विज्ञापन---— Bosky Khanna (@BoskyKhanna) April 20, 2024
हाईवे पर लग गई गाड़ियों की कतार
वन अधिकारियों ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद शव को हाईवे से हटवाया। जिसके बाद लोगों की आवाजाही शुरू हुई। बाघ अभ्यारण के बीचोंबीच लगभग एक घंटे तक अफरातफरी का माहौल बना रहा। अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द शव का पोस्टमार्टम करेंगे। बाघ ने लगभग 2 दिन पहले हाथी के बच्चे पर अटैक किया था। गंभीर चोट होने के कारण किसी तरह बेबी एलीफेंट हाईवे तक आ गया। जिसके बाद उसकी यहीं मौत हो गई। यह रेयर में होता है। आमतौर पर बाघ जल्द हाथी पर अटैक नहीं करते हैं। शव पर गहरे घावों के निशान मिले हैं।
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कई बार हाथी का बच्चा अपने झुंड से पीछे रह जाता है। ऐसी स्थिति में घात लगाकर बाघ उसका शिकार कर लेते हैं। हो सकता है कि झुंड भी बाघ को ललकारते वापस आया हो। जिसके कारण यह उस समय बच गया। लेकिन गहरे घाव होने के कारण बाद में इसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि दुखी हथिनी ने शव को एक घंटे तक नहीं छोड़ा। जिसके कारण एनएन 766 पर यातायात कई देर तक बाधित रहा। बाघ लगभग किशोर हाथियों को ही अपना शिकार बनाते हैं। शव के पास हथिनी विलाप करती रही। हाईवे खुलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।