Kanpur Private Hospital Child Death News: कहते है एक माता- पिता की पूरी दुनिया उनके बच्चों में होती है। किसी भी हालत में वह अपने बच्चों को परेशान नहीं देख सकते हैं। जरा सोचिए! एक लापरवाही की वजह से किसी के बच्चे की मौत हो जाए तो उस मां-बाप पर क्या बीतेगी, जिसके दो बच्चे पहले ही दम तोड़ चुके हो और अपने तीसरे बच्चे को भी अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते हुए देख रहे हों। पिता के जज्बात इस घटना के बाद इस तरह बेकाबू हो गए कि मरे हुए बच्चे के मुंह में अपने मुंह से ऑक्सीजन देने लगे और मां बेसुध होकर बेहोश होने लगी। उस घर के माहौल के बारे में अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल है। उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक दु;खद खबर सामने आई है, जहां एक दंपती अपने तीसरे बच्चे के दम तोड़ने से बुरी तरह बेहाल हो चुका है। इनके दो बच्चों की मौत पहले ही हो चुकी है, अब तीसरे बच्चे के गुजर जाने की खबर ने इन्हें बुरी तरह तोड़ दिया है। बच्चे की भी मौत के बाद जहां पिता बच्चे को मुंह से ऑक्सीजन देकर जगाने की कोशिश कर रहा है, वहीं, मां बार-बार बेहोश हो जा रही है।
हाईग्रेड फीवर की गंभीर बीमारी
कानपुर औरैया में रहने वाले दंपती ने अपने तीसरे बच्चे की मौत की खबर सुनकर तो जैसे पागल ही हो गए, मानो एक माता- पिता की पूरी दुनिया ही उजड़ गई हो। दंपती का यह तीसरा बच्चा था। जिसे हाईग्रेड फीवर हो गया था। अस्पताल में भर्ती करने के दौरान बच्चे की मौत हो गई। इससे पहले भी दंपती के दो बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चे की मौत के बाद भी पिता इस आश में था कि उसका लाल अभी उठ जाएगा, जिसके लिए वह बार-बार बच्चे के मुंह में अपने मुंह से ऑक्सीजन देता रहा। जिसे देखने के बाद हर किसी की आंखों में आंशु आ गया। जब इतना करने के बाद भी कोई हलचल नहीं हुई तो, पिता अपनी भावनाओं को छुपा नहीं पाया और फफक-फफक कर रोने लगा।
हैलट बालरोग अस्पताल में बच्चे को भर्ती करवा गया
जानकारी के अनुसार बच्चे का नाम आदित्य था। बुखार के कारण उसकी हालत खराब रहती थी। हाल ही में उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा था तो परिजनों ने उसे शास्त्रीनगर के निजी अस्पताल भर्ती करवा दिया, जहां उसे हैलट बालरोग अस्पताल में भेज दिया गया था। इसके बाद डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया ने इलाज शुरू कर दिया लेकिन बच्चे को बचा नहीं सके।
परिजनों का डॉक्टरों पर आरोप
वहीं परिजनों ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बच्चा रात भर दर्द से तड़पता रहा और डॉक्टर को बार-बार बुलाने के बाद भी कोई मदद के लिए नहीं आया। इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने मरीज को इमरजेंसी ले जाने को कहा, जहां मरीज को स्ट्रेचर पर लेटाकर छोड़ दिया गया। जब कुछ समय के बाद भी डॉक्टर नहीं आए तो आदित्य को उसके घर वाले निजी अस्पताल चले गए और बच्चे ने वहां दम तोड़ दिया। औरैया पुलिस को जब पूरे मामले की जानकारी लगी तो, प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने मामले की जांच करके इसके संबंध में जानकारी देने की बात कहीं हैं।