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दुनिया में ज्वालामुखी का ‘गढ़’ है ये देश, जहां सबसे ज्यादा फटते हैं वोल्केनो; दिल दहला देगा इतिहास का ये हादसा

अफ्रीकी देश इथोपिया में एक भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, जिसकी राख खाड़ी देशों से होती हुई, भारत भी पहुंची और अब चीन की तरफ बढ़ गई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां सबसे ज्यादा ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं.

Author Written By: Akarsh Shukla Author Published By : Akarsh Shukla Updated: Nov 25, 2025 22:08

Volcanic eruption: प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक हेराक्लिटस का बहुत ही चर्चित विचार है कि ‘कुछ भी स्थिर नहीं है, सबकुछ गतिमान है’. कहने का मतलब अगर आप एक कुर्सी पर भी बैठें हैं तो भी आप मोशन में हैं, क्योंकि ब्रह्मांड में धरती सूर्य का चक्कर लगा रही है, साथ ही लगातार अपनी धुरी पर भी घूम रही है, जिससे दिन और रात होता है. ठीक उसी प्रकार हमारी पृथ्वी के अंदर भी लगातार उथल-पुथल मची रहती है. जो धरती हमें ऊपर से ठोस नजर आती है, उसकी अंदर हमेशा हलचल होती रहती है. यही वजह है कि दुनिया में कहीं भूकंप तो कहीं ज्वालामुखी विस्फोट की खबर सुनने को मिलती रहती है.

हाल ही में अफ्रीकी देश इथोपिया में एक भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, जिसकी राख खाड़ी देशों से होती हुई, भारत भी पहुंची और अब चीन की तरफ बढ़ गई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां सबसे ज्यादा ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं. इस देश को ज्वालामुखी का गढ़ कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. यहां 130 से अधिक एक्टिव ज्वालामुखी हैं.

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यह भी पढ़ें: भारत में कहां है एकमात्र एक्टिव ज्वालामुखी? भारतीय नौसेना करती है इस जगह की निगरानी

कहां हैं सबसे ज्यादा ज्वालामुखी?


जैसा कि हमले पहले बताया कि हमारी पृथ्वी हमेशा शांत नहीं रहती. इसके अंदर लगातार ऊर्जा और उष्मा का प्रवाह होता रहता है, जो समय-समय पर सतह को चीरकर बाहर निकलता है. यही विस्फोट हम ज्वालामुखी के रूप में देखते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे एक्टिव ज्वालामुखी हैं. यहां लगभग 130 से अधिक ज्वालामुखी सक्रिय हैं. इंडोनेशिया का भौगोलिक स्थान इसका कारण बताया जाता है. यहां की जमीन ‘रिंग ऑफ फायर’ के ऊपर है.

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दुनिया के करीब 75 प्रतिशत ज्वालामुखी


यह क्षेत्र प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला घोड़े की नाल के आकार का इलाका है, जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें लगातार आपस में टकराती रहती हैं. यही वजह है कि यहां भूकंप और ज्वालामुखीय विस्फोट आम बात हैं. वैज्ञानिक आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के करीब 75 प्रतिशत ज्वालामुखी और 90 प्रतिशत भूकंप इसी क्षेत्र में दर्ज किए जाते हैं. इंडोनेशिया इस भूवैज्ञानिक हलचल के केंद्र में स्थित है, इसलिए यहां धरती अक्सर अपना रूप बदलती रहती है.

इतिहास की सबसे खौफनाक घटना


इंडोनेशिया के ज्वालामुखीय इतिहास का जिक्र बिना ‘क्राकाटोआ’ और ‘तंबोरा’ के अधूरा माना जाता है. 1815 में माउंट तंबोरा के भयंकर विस्फोट ने पूरे विश्व की जलवायु को बदल दिया था. धमाके के बाद इतना धुआं और राख वातावरण में फैल गया कि कई महीनों तक सूर्य की रोशनी भी धरती तक नहीं पहुंच सकी. 1883 में क्राकाटोआ का ज्वालामुखी विस्फोट इससे भी ज्यादा घातक साबित हुआ. इस घटना में हजारों लोगों की जान चली गई और विशाल समुद्री लहरों ने पूरे क्षेत्र को तबाह कर दिया.

First published on: Nov 25, 2025 10:08 PM

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