IIT graduates 5 Monks: आईआईटी में दाखिले के लिए स्टूडेंट दिन रात एक कर देते हैं। सबका यही सपना होता है कि IIT (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) करने के बाद एक अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिल जाएगी, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हाई सैलरी वाली नौकरियां छोड़कर शांति का जीवन बिताने की सोची। पढ़िए करोड़ों की नौकरी की मोह-माया त्याग कर संन्यासी बनने वाले कुछ मशहूर संन्यासियों के बारे में।
1- स्वामी मुकुंदानंद
इसमें सबसे पहला नाम स्वामी मुकुंदानंद का आता है। ये आईआईटी दिल्ली में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रह चुके हैं। मुकुंदानंद के सामने एक बेहतरीन करियर को चुनने का मौका था, लेकिन उन्होंने ये सब छोड़कर एक साधु के रूप में जीवन जीना शुरू कर दिया। तब से वह एक आध्यात्मिक, वैदिक विद्वान और सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखक बन गए।
ये भी पढ़ें: आदित पालीचा कौन? पढ़ाई छोड़ने से 4300 करोड़ की संपत्ति जोड़ने तक का सफर
2- आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत भी IIT दिल्ली में इंजीनियरिंग छात्र रह चुके हैं। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए ग्रेजुएशन किया। वह एक लेखक, शिक्षक और पशु अधिकार कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं को दूसरों तक पहुंचाने के लिए भारतीय सिविल सेवा में एक अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी।
3- संकेत पारेख
IIT बॉम्बे का नाम दुनियाभर में मशहूर है। छात्रों के लिए यहां से पढ़ाई एक सपना होता है। यहां पर संकेत पारेख केमिकल इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र रहे। इसके पहले उन्होंने अमेरिका में केमिकल इंजीनियर के तौर पर भी काम किया है।
4- गौरांग दास
गौरांग दास IIT बॉम्बे से B.Tech ग्रेजुएट हैं। साधु बनने से पहले, उन्होंने किर्लोस्कर के लिए काम किया। बाद में वह अपनी हाई सैलरी वाली नौकरी छोड़कर इस्कॉन, मुंबई के साथ जुड़ गए।
5- रसनाथ दास
इस लिस्ट में 5वां नाम रसनाथ दास का है। जिन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल की। वह भी आईआईटी बॉम्बे के छात्र रह चुके हैं। रसनाथ दास ने निवेश बैंकिंग में अपना बना बनाया करियर छोड़कर साधुओं वाली जिंदगी जीने का फैसला किया। आज उनको भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए जाना जाता है।
ये भी पढ़ें: Bank लॉकर का करना चाहते हैं उपयोग; जान लें ये जरूरी बातें